चौक टीम, जयपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हनुमानगढ़ की जमीन नीलामी के नोटिस को लेकर गहलोत भाजपा पर तथ्यहीन और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। नीलामी कांग्रेस सरकार के राज में होती थी, अब भाजपा की डबल इंजन सरकार है जो संकल्प पत्र के सभी संकल्पों को पूरा करेगी। वहां भूमि विकास बैंक की ओर से नीलामी नोटिस जारी किया गया, यह राज्य स्तरीय नहीं थी, लेकिन सरकार के संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तत्काल बैंक आदेशों को स्थगित करने का आदेश दिया।
गहलोत सरकार को ये करना चाहिए था
किसानों की 5 एकड़ कृषि भूमि की नीलामी रोकने के लिए उनकी गहलोत सरकार नवंबर 2020 में विधानसभा में बिल पारित करवाया था जबकि संविधान के अनुच्छेद 246 में स्पष्ट प्रावधान है कि राज्य के विधानमंडल को समवर्ती सूची में वर्णित विषयों के संबंध में कानून बनाने का अधिकार नहीं है। अनुच्छेद 254 में भी प्रावधान है कि केंद्र द्वारा बनाए गए कानून राज्य के कानूनों पर प्रभावी रहेंगे।
उन्होने कहा कि गहलोत सरकार ने सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 में संशोधन कर किसानों की 5 एकड़ तक की भूमि को कुर्की से मुक्त करने का प्रावधान कर दिया। जबकि उक्त प्रावधान प्रदेश के किसानों के लिए उपयोगी साबित नहीं हो पाया, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने कृषि ऋण संक्रिया अधिनियम 1974 यानी रोडा एक्ट में संसोधन नहीं किया। इसके चलते बैंक ऋणी किसानों से ऋण वसूल कर सकता है। यदि कांग्रेस सरकार की किसानों का भला करने की मंशा होती तो वह रोडा एक्ट में संसोधन लाती लेकिन उसने केवल दिखावा किया।
2.34 हजार के बिजली एमओयू, 31825 मेगावाट उत्पादन बढ़ेगा
मई-जून माह में बिजली की खपत ज्यादा होती है इसलिए मांग और आपूर्ति में गैप हो जाता है। भजनलाल सरकार ने विद्युत के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए केंद्र की ऊर्जा कंपनियों के साथ 2 लाख 24 हजार करोड़ के एमओयू साइन किए है। इससे प्रदेश में 31 हजार 825 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। पूर्व सीएम गहलोत ने कहा था कि 23809 मेगावाट बिजली उत्पादन के साथ सर प्लस हो गए है जबकि सरकार के समय प्रदेश में जो बिजली संकट गहराया उससे सब वाकिफ हैं।
पूर्व सीएम गहलोत ने लगाए थे ये आरोप
बता दें किसानों के इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल फिर आमने सामने हैं। नोटिस प्रकाशित हुआ तो पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया X पर इस मामले को हवा दी थी और कहा कि भाजपा ने घोषणा पत्र में किसानों की जमीन नीलामी रोकने की बात कही थी, लेकिन हुआ उल्टा। नवम्बर 2020 में हमारी सरकार ने विधानसभा में बिल पास करवाया था कि किसानों की पांच एकड़ कृषि भूमि नीलाम नहीं होग, केंद्र सरकार ने बिल का अनुमोदन नहीं किया। हमारी सरकार ने प्रशासनिक आदेश से कृषि भूमि नीलामी पर रोक लगाई थी।