बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने अप्रैल में भारत बंद कार्यक्रम के दौरान दलितों पर किये गए केस वापिस नहीं लिए तो वह इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को दिए गए समर्थन पर पुनर्विचार करेगी। मायावती की इस चेतवानी के बाद जहां मध्यप्रदेश में तो सरकार ने उनकी यह शर्त मान ली है वहीं राजस्थान सरकार पर मायावती की इस धमकी का कोई असर होता हुआ नहीं दिख रहा है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मायावती की मांग स्वाभाविक है और भारत बंद के दौरान लोगों के खिलाफ दर्ज मामले कितने आपराधिक है, यह अभी जांच का विषय है। इस मामले पर सरकार और कानून अपना काम करेगा और मामलों की जांच की जाएगी। हमारा मकसद है कि कोई भी निर्दोष व्यक्ति इन मामलों में ना फंसे। मायावती द्वारा समर्थन वापिस लेने की धमकी पर गहलोत ने उन्हें बिना मांगे समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।
मध्यप्रदेश सरकार ने मानी मायावती की शर्त
सीएम अशोक गहलोत के इस बयान से यह तो साबित हो गया है कि राजस्थान सरकार ने मायावती की मांग को गंभीरता से नहीं लिया है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने मायावती की इन मांगों को एक ही दिन में मान लिया है। कमलनाथ सरकार ने ना केवल अप्रैल में भारत बंद के दौरान के दौरान दर्ज मुकदमों को वापिस लिया है बल्कि राज्य में बीजेपी सरकार के 15 साल के कार्यकाल के दौरान दर्ज हुए इस तरह के सभी मामलों को वापिस लेने का फैसला भी किया है।