चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच भयंकर जल संकट बना हुआ है। शहरों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह चरमरा गई है और लोगों को महंगे दाम पर टैंकर से पानी खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है। इन सबके बीच सरकार ठोस उपाय करने के बजाए भगवान भरोसे दिख रही है। जलदाय मंत्री कन्हैयालल चौधरी ने प्रदेश में गहराते बिजली संकट पर कहा- भगवान से प्रार्थना करो, समय से पहले बारिश आ जाए। ‘मैं फूंक मारकर, बालाजी बनकर पानी ला दूं, संभव नहीं’। जहां-जहां पानी की डिमांड आएगी। वहां जरूरत के अनुसार पानी सप्लाई किया जाएगा।
दरअसल, पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने सोमवार को पेयजल संकट से निपटने के लिए अधिकारियों की बैठक ली। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में मंत्री इस पेयजल संकट से निपटने का कोई ठोस उपाय बताने की बजाय कहने लगे कि भगवान से प्रार्थना है कि इस बार समय पर मानसून आए और अच्छी बरसात हो, नहीं तो आने वाले समय में इससे भी विकट हालत हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पेयजल समस्या की जो शिकायतें आई हैं, उनमें से कई शिकायतों का निस्तारण किया गया है, लेकिन शत प्रतिशत निस्तारण कोई नहीं कर सकता है।
पिछले साल मानसून की कमी
मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि पिछले साल मानसून में औसत वर्षा 543.43 एमएम रही, जबकि 2022 में मानसून के दौरान औसत वर्षा 668.74 एमएम रही थी। कम वर्षा के कारण पिछले साल 13 जिले आपदा प्रभावित घोषित किए गए। 2022 में 716 में से 330 बांध भरे थे, जबकि 2023 में 197 बांध ही पूरे भरे थे। 2022 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पानी के कनेक्शन 45.72 लाख थे, जो बढ़कर अब 52,69,574 हो चुके हैं। ऐसे में पानी की डिमांड लगातार बढ़ने का हवाला देते हुए उन्होंने यह तक कह दिया कि जो हमारे पास पानी होगा, उसे ही सप्लाई किया जा सकता है।
खुद स्वीकार किया, टैंकर सप्लाई में लापरवाही
कन्हैयालाल चौधरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल परिवहन के लिए 82 करोड़ रुपए और शहरी क्षेत्र में 43 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई। 7,970 गांवों में 9,071 टैंकर प्रतिदिन और 56 शहरों में 3,667 टैंकर प्रतिदिन सप्लाई किए जा रहे हैं। हर जिले में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि टैंकर से पानी की सप्लाई में अनियमितता सामने आई है, जिसे दुरुस्त करवा रहे हैं।
पूर्ववर्ती सरकार को ठहराया जिम्मेदार
पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने प्रदेश में जल संकट के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में ईआरसीपी पर कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकार ने जेईएन के अलावा किसी पद पर नई भर्ती नहीं की। ऐसे में काम का बोझ भी बढ़ गया है। ऐसे में हर छोटी गलती पर एक्शन लें तो काम तो इन्हीं कर्मचारियों से करवाना है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद ईआरसीपी को लेकर ठोस कदम बढ़ाए गए हैं, जिससे आने वाले समय में अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
‘फूंक मारकर पानी ला दूं या बालाजी बन जाऊं’
मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा, बीसलपुर से भी इस साल अतिरिक्त पानी लिया गया है। जहां-जहां पानी की डिमांड आएगी. वहां जरूरत के अनुसार पानी सप्लाई किया जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि पानी का सदुपयोग करें। इस बीच मीडिया के सवाल पर उन्होंने यह तक कह दिया कि जितना पानी है। उतना ही सप्लाई कर सकते हैं। समाधान यह तो है नहीं कि फूंक मारकर पानी ला दूं या बालाजी बनकर तुरंत पानी लें आऊं।