चौक टीम, जयपुर। देश में आज आखिरी चरण के तहत मतदान हो रहा है। वहीं आखिरी चरण के मतदान के बीच शनिवार को इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दलों के नेताओं की एक बैठक हुई है। ये बैठक दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बुलाई गई है। बैठक में शामिल होने के लिए विभिन्न दलों के नेता दिल्ली पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि बैठक में चुनाव के बाद इंडी गठबंधन की क्या रणनीति रहेगी, इस पर चर्चा हुई है।
दरअसल, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलांयस” (INDIA) के घटक दलों के नेताओं की बैठक शनिवार को शुरू हुई, जिसमें लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना से जुड़ी रणनीति को लेकर चर्चा हुई। बैठक में तृणमूल कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) शामिल नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास ’10 राजाजी मार्ग’ पर आयोजित इस बैठक में खरगे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) के प्रमुख शरद पवार, आम आदमी पार्टी के प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कई अन्य नेता शामिल हैं। द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से पार्टी नेता टीआर बालू बैठक में शामिल होने पहुंचे।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी भी इस बैठक में भाग लिया। खरगे ने गुरुवार को कहा था कि यह एक अनौपचारिक बैठक होगी जहां केवल इस बात पर चर्चा की जाएगी कि मतगणना के दिन विपक्ष को किस तरह की तैयारी करनी चाहिए और लोगों को ईवीएम और फॉर्म 17 जैसी चीजों को लेकर सतर्क रहना चाहिए।
कांग्रेस ने पहले ही अपनी राज्य इकाइयों को फॉर्म 17सी को लेकर सतर्क रहने को कहा है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने पहले ही कह दिया था कि वह इस बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”मैं संभवत: नहीं जाऊं क्योंकि मेरी मां की आंख की सर्जरी हुई है।” यह बैठक उस दिन हो रही है जब लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण के लिए वोट पड़ रहे हैं। मतगणना चार जून को होगी।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में विपक्षी नेता चुनाव नतीजों से पहले अपनी रणनीति पर चर्चा की और सात चरण के चुनावों में अपने प्रदर्शन का भी आकलन किया है। विपक्षी गठबंधन दावा कर रहा है कि वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को केंद्र में सत्ता में लौटने से रोकने और अपनी खुद की सरकार बनाने में सफल रहेगा। दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने भी यह दावा किया है कि वह इन चुनावों के बाद लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाएगा।