चौक टीम, जयपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट आज दोपहर अपने आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी का प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को नामांकित किया है। नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनने से न केवल कांग्रेस से बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में बल्कि पूरा इंडिया अलाइंस में ऊर्जा का संचार हुआ है। राहुल गांधी ने लगातार चुनौती दी है। लोगों की आवाज बने हैं संसद के अंदर और संसद के बाहर राहुल गांधी।
सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बने हैं तो विपक्ष की उम्मीदें बढी है। लाखों करोड़ों लोग जिन्होंने लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए और संविधान को सुरक्षित रखने के लिए इंडिया अलाइंस को वोट डाला था, उनको उम्मीद बनी है कि अब राहुल गांधी सच की लड़ाई लड़ने का काम करेंगे। राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनने से न केवल कांग्रेस को ताकत मिलेगी बल्कि उस सोच को ताकत मिलेगी जो देश में अमन चैन, भाईचारा की बात करते हैं।
इस सरकार का रवैया सही नही है अबतक
परंपरा यह है कि अगर स्पीकर बनता है तो डिप्टी स्पीकर विपक्ष का बनता है। हमारी सरकार के समय डिप्टी स्पीकर विपक्ष का था। अभी पता नहीं क्या निर्णय हुआ है लेकिन हमारे समय पर स्वच्छ परंपरा के तहत ऐसा हुआ है। यह एक मिली जुली सरकार है किसी दल को पूर्ण बहुमत नही मिला है। बीजेपी जब चुनाव में गई थी तो 303 सांसद थे आज उनके 240 रह गए हैं, 65 सांसद कम हुए कांग्रेस पार्टी के 55 से 102 सांसद हुए है। मतलब हमने जो बात कही वह जनता ने स्वीकार की है।
उन्होंने कहा कि सरकार एनडीए गठबंधन की बनी है भविष्य में क्या होगा यह पता नही है। स्पीकर जो बने हैं राजस्थान से ओम बिरला वो दूसरी बार स्पीकर बने हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वह जैसा राहुल गांधी ने कहा है वह निष्पक्षता से काम करेंगे और स्पीकर होने का जो दायित्व होता है। प्रत्येक दल को प्रत्येक सदस्य को बराबरी का मौका मिले और विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका मिले उम्मीद करता हूं। एक दिन में 147 सांसदों को निलंबित किया गया। वह इतिहास के लिए काला दिवस था।
पायलट ने कहा कि हम लोगों को संविधान को लोकतांत्रिक परंपराओं को और जो प्रोसीजर है उनको सबसे ऊपर रखते हैं। उम्मीद रखता हूं कि इस कार्यकाल में वैसी कोई घटना नहीं होगी। विपक्ष को बोलने का मौका दिया जाएगा विपक्ष का संख्या बल जो आज है वह पिछले कार्यकाल से कहीं ज्यादा है। तथा पक्ष में और विपक्ष में ज्यादा गैप नहीं है। मनवाने तरीके से काम करना एक तरफा कार्रवाई करना उसे तरह की कार्रवाई अब नहीं कर पायेंगे।
अरविंद केजरीवाल पर सरकार को घेरा
अरविंद केजरीवाल पर कोर्ट की कारवाई है, लेकिन सब समझ रहे हैं की जो दमनकारी नीतियां अपनाई थी पिछली सरकार में शायद ही कोई एजेंसी थी जिसका दुरुपयोग नहीं हुआ। इसके परिणाम से सरकार को जनता ने आईना दिखाया कि बेवजह विपक्ष को ना दबाये जो स्पष्ट था। सरकार बनी या नही बनी अलग बात है। लेकिन जिन एजेंसी का सरकार की ताकत का जो मिसयूज किया गया उसे पर अंकुश लगाने का काम सरकार को करना चाहिए।
NEET परीक्षा को लेकर उठाए सवाल
पायलट ने कहा कि अभी देश का सबसे बड़ा मुद्दा NEET की परीक्षा का है। विवादित होने के कारण लाखों नौजवानों को सदमा लगा है। नौजवानों में जो विश्वास है प्रक्रिया पर परीक्षा की प्रणाली पर उसे पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। केंद्र सरकार ने जिस तरह से शुरू में अड़ियल रवैया अपनाया था। उन्हें अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी। लेकिन अभी तक जिम्मेदारी तय नहीं की गई है, जिस तरह से लीपा पोती कर बचाव करने का काम हो रहा यह शोभा नहीं देता है। लगातार लोगों में भ्रम फैल रहा है कि अब हमारा भविष्य सुरक्षित नहीं है
आजाद भारत के इतिहास में आज सबसे ज्यादा शिक्षित बेरोजगार है। इसका समाधान ढूंढने के लिए सरकार को काम करना चाहिए। यह सरकार वह है जो सरकार नही बनने से पहले 100 दिन की कार्य योजना बना रही थी और अतिउत्साह में यह काम कर रहे थे। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण नौजवान हैं उन्हें लेकर सरकार को पूरी कार्रवाई करनी चाहिए। जो लोग जिम्मेदार हैं उनका बचाव नही होना चाहिए। सरकार को पूरी कार्रवाई भी करनी चाहिए और जनता को भी बताना चाहिए। यह सरकार से गलती हुई है। NEET की परीक्षा से बाकी परीक्षाओं को जो कैंसिल किया गया है। यह इसका प्रतीक है कि यह सिस्टेमैटिक फैलियर है। यह सरकार 10 साल से सत्ता में रही भाषण दिए युवाओं के नाम पर वोट भी लिया। परीक्षा पर चर्चा, चाय पर चर्चा चलाई लेकिन विश्वास जो डगमगाया है। युवाओ का उसको बनाए रखना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। इंडिया लाइन पहले भी मजबूत था आज भी मजबूत है जहां-जहां उपचुनाव होंगे वहां पहले से हम जीते हुए थे आने वाले समय में हरियाणा, महाराष्ट्र और राज्यों में चुनाव है हम जीतेंगे।
नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पर कार्रवाई करना गलत- पायलट
राजस्थान में जो अभी हाल बने हुए हैं। बिजली पानी के जो हालात हमें दिखते है मूलभूत सुविधाओं के लिए सरकार नाकामयाब है। उपचुनाव हम मजबूती से लड़ेंग जिस तरह से कोटा में कार्रवाई हुई है राजनेतिक पार्टी परमिशन लेने के बाद अपना आंदोलन कर रही है। जो बिजली पानी के लिए था। बजाय इसके की जनता को राहत दे बल्कि नेता प्रतिपक्ष और प्रमुख विपक्षी प्रदेश अध्यक्ष पर कार्रवाई करना यह गलत है। हमने जो बात रखी उसे पर संज्ञान लेकर सरकार को सुविधा देने का काम करना चाहिए। बजाय इसके कि हम बिजली पानी की सुविधा दें। हम अपने विरोधियों पर कार्रवाई करें ऐसा सरकार में कभी माहौल नहीं रहा और यह होना भी नहीं चाहिए सरकार का जो काम करने का तरीका है उसे पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है।