शरद पुरोहित,जयपुर। कच्छ जिले के कंधेराई गांव में 540 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 22 वर्षीय युवती इंद्रा मीणा 32 घंटे की लंबी कोशिशों के बाद भी जिंदगी की जंग हार गई। सोमवार सुबह इंद्रा के बोरवेल में गिरने की खबर मिलते ही प्रशासन और बचाव दल ने राहत कार्य शुरू किया।
32 घंटे तक चला बचाव अभियान
कच्छ जिला प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ ने मिलकर 32 घंटे तक राहत अभियान चलाया। बचाव कार्य में बीएसएफ और सेना की टीमें भी शामिल हुईं। सोमवार देर रात केवल 60 फीट की दूरी पर बचाव दल पहुंचा था, लेकिन इंद्रा एक बार फिर बोरवेल के अंदर गहराई में फिसल गई।
बचाव अभियान की चुनौतियां
इंद्रा को बोरवेल से निकालने के लिए कैमरों और विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, दो बार 100 फीट तक सफल प्रयासों के बावजूद वह फिर से 500 फीट नीचे फिसल गई। मंगलवार को आखिरकार उसे बाहर निकाला गया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना का कारण और जांच
पुलिस ने घटना को लेकर जांच शुरू कर दी है। बोरवेल बंद था और उस पर भारी पत्थर रखा हुआ था। शुरुआती जांच में पता चला है कि इंद्रा का अपने मंगेतर ईश्वर से फोन पर झगड़ा हुआ था। यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह हादसा था या जान देने का प्रयास। बोरवेल के अंदर इंद्रा का मोबाइल भी मिला, जो मामले को संदिग्ध बनाता है।
परिवार और गांव में शोक
इंद्रा मूल रूप से राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के तलाईपाल गांव की रहने वाली थी। वह अपने परिवार के साथ कच्छ के धान के खेतों में मजदूरी करने आई थी। घटना के बाद से कंधेराई गांव में शोक का माहौल है।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने बोरवेल सुरक्षा और उनके खुले होने से होने वाले खतरों पर सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन ने मामले की जांच तेज कर दी है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कदम उठाने की बात कही है।