चौक टीम, जयपुर। आज विधानसभा में बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। विधानसभा में बजट पर बहस के दौरान टीकाराम जूली ने कहा कि मुख्यमंत्रीजी, यहां कुछ लोग सदन में ऐसे मानने वाले नहीं हैं, इनको मंत्री बना दीजिए। वित्त मंत्री ने इतना लंबा और बड़ा भाषण पढ़ने का साहस जुटाया, लेकिन इतना नीरस बजट भाषण कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि इनके दो-दो मंत्री अग्निवीर हो गए हैं, एक तो मंत्री बन गए लेकिन चुनाव हार गए और दूसरे मंत्री बने और इस्तीफा दे दिया। पेपर लीक के मामले में जूली ने कहा कि हम सिर्फ मछलियों को पकड़ रहे हैं और मगरमच्छ खुले घूम रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आज विधानसभा में अपने भाषण में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके तो मंत्री ही 4 साल नहीं पकड़ पा रहे हैं, सरकार क्या कर रही है इसका अंदाजा इसी से लगा लीजिए। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि 400 पार का नारा दिया था, क्या हुआ? भगवान राम ने सबरी और गिलहरी दोनों का मान रखा था। जूली ने अयोध्या, बद्रीनाथ में बीजेपी की हार पर तंज कसते हुए कहा कि आपको तो ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने खारिज कर दिया।
जूली ने कहा कि हर बजट की एक प्राथमिकता होती है, आपकी प्राथमिकता में क्या है, आपने अपनी 10 प्राथमिकताओं में गरीबों को 9वें नंबर पर रखा है। गुड गवर्नेंस को अपने 10 नंबर पर रखा है, इससे आपका विजन नजर आ रहा है। आपने बजट में 4 लाख नई नौकरियों की घोषणा की है। सरकार में 4 लाख तो पद ही खाली नहीं होंगे, आप इतनी नौकरियां देंगे कहां से, जब जवाब दें तो इस बारे में बताना।
ओपीएस जारी रखना चाहते हैं या नहीं, यह बताइए- जूली
जूली ने कहा कि आप ओपीएस को जारी रखना चाहते हैं या नहीं, यह सदन में क्यों नहीं बताते। विधायकों ने ओपीएस पर सवाल लगाए तो उनके जवाब क्यों नहीं दिए? अखिल भारतीय सेवाओं के अफसर ओपीएस के पक्ष में हैं। आपकी केंद्रीय वित्त मंत्री ओपीएस के खिलाफ है।
पेपर लीक पर क्या बोले जूली?
पेपर लीक के मामले पर बोलते हुए जूली ने कहा कि आज बच्चे पढ़ना चाहते हैं, आगे बढ़ना चाहते हैं पर यह पेपर लीक बच्चों को आगे बढ़ने से रोक रहा है, इस पर सदन की जिम्मेदारी बनती है कि हम सब मिलकर इस पेपर लीक का सफाया करें। उन्होंने कहा कि हमारे एक-दूसरे पर आरोप लगाने से उन बच्चों का भविष्य नहीं बन रहा है, जो जीवन में कुछ करना चाहते हैं।
टीकाराम जूली ने कहा कि जो पेपर लीक पर सबसे पहले और सख्त कानून बना, वह राजस्थान में हमारी सरकार ने बनाया, जिसके तहत 10 करोड़ का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान रखा गया। यदि मामले में सरकारी कर्मचारी लिप्त थे तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने का प्रावधान रखा गया। केंद्र सरकार ने भी पेपर लीक पर कानून बनाया है पर वह राजस्थान सरकार के कानून के मुकाबले सिर्फ 10% ही है। हालांकि उससे कोई फर्क नहीं पड़ता, पेपर लीक रुकना चाहिए, बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ रुकना चाहिए।
किरोड़ीलाल के विभाग का बजट क्यों कम कर दिया?
नेता प्रतिपक्ष जूली ने किरोड़ीलाल मीणा के विभाग के बजट में कटौती करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किरोड़ीजी का बजट क्यों काट दिया, खेती-ग्रामीण विकास का बजट कम कर दिया। भाषण के दौरान सरकार के मंत्रियों ने नाराजगी जताई तो जूली ने कहा कि इस सरकार के मंत्रियों का व्यवहार ऐसा है, जैसे विपक्ष में हों।
राजस्थान के हितों को मध्यप्रदेश के आगे गिरवी रख आए
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- ईआरसीपी बीजेपी सरकार की योजना थी, लेकिन केंद्र ने इसे लटकाए रखा। अब बीजेपी सरकार आने के बाद एमओयू किया है। छह महीने हो गए, ईआरसीपी पर दिल्ली में सीएम एमओयू करके आए थे, वो एमओयू कहां है? वो एमओयू आप सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे? एमओयू सार्वजनिक इसलिए नहीं कर रहे, क्योंकि आपने मध्यप्रदेश के आगे राजस्थान के हितों को गिरवी रख दिया है।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पिताजी एवं विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पत्नी के अस्पताल में भर्ती होने पर शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।