ERCP को लेकर राजस्थान के करौली जिले के टोडाभीम क्षेत्र से शुरू हुई पैदल यात्रा अब दिल्ली पहुंचे वाली है। बुधवार को जंतर मंतर पहुंच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। यात्रा को अब तक 10 दिन हो चुके हैं पैदल चलते चलते दिल्ली के धौलाकुआं पहुंच चुकी है।
कल यात्रा जंतर मंतर पर पहुंचेगी यात्रा
राजस्थान में जल संकट को देखते हुए इआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) की मांग उठाई गई। ERCP में राजस्थान के 13 जिलों में पीने के पानी के लिए और 26 विभिन्न बड़ी एवं मध्यम परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जायेगा। इस परियोजना के माध्यम से दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे को भी जल की आपूर्ति की जाएगी। ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट नवंबर 2017 में आवश्यक अनुमोदन के लिए केंद्रीय जल आयोग को भी भेजी जा चुकी है।
सीएम अशोक गहलोत उठा चुके है मांग
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर या सीधी के राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की थी । सीएम गहलोत ने पत्र में 37, 247 करोड़ की लागत की परियोजना को 13 जिलों में लागू करने की मांग की थी। किंतु सफल परिणाम न मिलने के कारण अब ERCP को लेकर युवाओं में दमदारी से आवाज उठाई जा रही है।ERCP को लेकर उठ रही मांग के लिए 16 अप्रैल को करौली के टोडाभीम क्षेत्र से जन जागरूकता पदयात्रा शुरू की गई यह पदयात्रा आज (25 अप्रैल) को दिल्ली पहुंचेगी और कल प्रधानमंत्री आवास नई दिल्ली में अपना ज्ञापन देगी।
13 जिलों के निवासियों को लाभ
इस यात्रा का नेतृत्व सौम्य मीणा कर रहे है सौम्य ने दिल्ली कूच के लिए ग्रामीणों से अपील की अधिक से अधिक संख्या में जन जागरूकता पदयात्रा में शामिल होने की अपील की आपको बता दें इसके तहत राजस्थान के 13 जिलों के निवासियों को लाभ मिलेगा इसमें झालावाड़,कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर ,अजमेर, टोंक,जयपुर,करौली ,अलवर ,भरतपुर,दौसा ,धौलपुर ,जिले शामिल है।। राजस्थान की जनता की प्रबल मांग थी कि बजट मे इआरसीपी को मूर्तिरुप दिया जाए जिससे स्थाई जल स्रोत में वृद्धि होगी उद्योगों को बढ़त मिलेगी ,निवेश व राजस्व बढ़ेगा वह साथ ही दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रोजेक्ट से औद्योगिक विकास की संभावना पैदा होगी।
राजस्थान चौक के लिए अर्चना यादव की रिपोर्ट।