चौक टीम, जयपुर। आज बजट सत्र के आखिरी दिन विधानसभा की कार्रवाई हंगामे के साथ खत्म हो गई है। इसी कड़ी में विधानसभा की कार्रवाई समाप्त होने के साथ ही स्पीकर देवनानी ने बड़ा निर्णय लेते हुए विधायक मुकेश भाकर को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया है। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को अनिश्वितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।
स्पीकर ने 6 माह के लिए किया सस्पेंड
मंगलवार को विधानसभा में आपदा प्रबंधन पर हंगामे के बीच बहस जारी थी। इसी दौरान विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी कुछ देर के लिए सदन से अपने चैंबर में गए। वहां विचार-विमर्श किया और वापस सदन में आए। चीफ व्हीप जोगेश्वर गर्ग ने उनसे कुछ चर्चा की। फिर गर्ग भाकर को छह महीने के लिए सस्पेंड करने का प्रस्ताव लाए, जिसे मंजूर कर लिया गया। प्रस्ताव मंजूर होते ही स्पीकर ने राष्ट्रगान करवाकर सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
गोपाल शर्मा ने दिया विवादित बयान
इससे पहले सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने भाकर को छह महीने के लिए सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे मंजूर कर दिया गया। भाकर को निलंबित करने के बाद सदन में राष्ट्रगान करवाकर स्पीकर ने कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
उधर, विधायक गोपाल शर्मा ने राहुल गांधी के लिए विवादित बयान देते हुए कहा कि, “जब मुंबई हमला हुआ तब राहुल गांधी गुड़गांव में फार्म हाउस पर पार्टी कर रहे थे, लड़कियों के साथ नाच रहे थे”
फेल सरकार के बचाव की जिम्मेदारी स्पीकर ने ली- भाकर
निलंबन के बाद मुकेश भाकर ने कहा- यह फैसला भाजपा के दबाव में लिया गया। हम कानून मंत्री के बेटे की गलत तरीके से नियुक्ति के बारे में बात करना चाहते थे। पहले स्पीकर ने कहा कि आप सीट पर जाएं, मैं व्यवस्था देता हूं। हम सीट पर गए तो स्पीकर ने कहा कि आप लिखित में दीजिए, मैं परीक्षण करके कल समय दूंगा। जब नेता प्रतिपक्ष बोल रहे थे तो भाजपा नेता बीच में खड़े होकर बोलने लगे।
भाकर ने कहा- मैंने विधायकों से कहा कि नेता प्रतिपक्ष बोल रहा है तो आपको अधिकार नहीं है। स्पीकर पहले से तय करके आए थे। विधानसभा में भाजपा सरकार फेल हो रही है, मंत्री जवाब नहीं दे पा रहे थे। उसका बचाव करने की जिम्मेदारी स्पीकर ने अपने ऊपर ली। स्पीकर पहले से बार-बार ये कह रहे थे कि यूनिवर्सिटी से आए छात्र नेता सुधर जाओ, तुम्हें सस्पेंड कर दूंगा। बिना वोटिंग जल्दबाजी में सस्पेंशन हुआ।
मुख्य सचेतक बोले-भाकर को शर्म आनी चाहिए
मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को छह महीने के लिए सस्पेंड करने का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि भाकर को 5 अगस्त को निलंबित करने के बाद सदन से चले जाना चाहिए था। स्पीकर ने उन्हें बार-बार सदन से जाने को कहा, लेकिन उन्होंने आदेशों की अवहेलना की। गर्ग ने कहा- विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 292-3 में यह प्रावधान है कि निलंबित विधायक को तत्काल सदन की सीमाओं से बाहर चले जाना चाहिए, लेकिन भाकर ने अब तक ऐसा नहीं किया। पूरा प्रतिपक्ष उन्हें संरक्षण दे रहा है। ऐसे अभद्र व्यवहार करने वाले को इस सदन का सदस्य रहने का हक नहीं है।