राजस्थान का माइंस विभाग इस वर्ष राजस्व वसूली के नए रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। अब तक 17 फीसदी ग्रोथ के साथ 5,573 करोड़ का राजस्व संग्रहण हो चुका है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि जनवरी, 23 तक विभाग द्वारा 5,572 करोड़ 96 लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया है जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में करीब 836 करोड़ रुपए अधिक है। जबकि 2020-21 की पूरे वित्तीय वर्ष के राजस्व संग्रहण 4966 करोड़ 39 लाख से 606 करोड़ रु. से भी अधिक का राजस्व संग्रहित किया है।
17 फीसदी ग्रोथ
एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग की ओर से पिछले वित्तीय वर्ष में 6395 करोड़ 75 लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया था जबकि इस साल सात हजार करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित कर नया रेकार्ड बनाया जाएगा। राजस्व बढ़ोतरी के लिए विभाग द्वारा समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी राजस्व की छीजत रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए विभागीय मोनेटरिंग व्यवस्था को मजबूत करने और नियमित समीक्षा के परिणाम स्वरुप राजस्व बढ़ाने में उल्लेखनीय सफलता मिली है। विभाग द्वारा योजनावद्ध तरीके से अवैध खनन व परिवहन गतिविधियों पर कार्यवाही में तेजी लाई गई। नियमित मोनेटरिंग, दिशानिर्देश के क्रियान्वयन व आपसी समझ व समन्वय से लक्ष्यों से अधिक राजस्व अर्जित किया जा सका है।
समीक्षा बैठक आयोजित
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने सचिवालय में निदेशक माइंस संदेश नायक और अधिकारियों के साथ माइंस विभाग की राजस्व वसूली और अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने रिकॉर्ड राजस्व अर्जन के लिए विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों को बधाई देते हुए बताया कि टीम भावना व परस्पर समन्वय से यह रेकार्ड राजस्व संग्रहण हो सका है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जितना अधिक फील्ड से जुड़े रहेंगे उतने ही अधिक सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे, राजस्व बढ़ेगा, अवैध गतिविधियां रुकेगी और वैध खनन गतिविधियों को बढ़ाया मिलेगा।
रोजगार देने में भी आगे
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि वर्ष 2019-20 में 4579 करोड़ 09 लाख रु., 2020-21 में 4966 करोड़ 39 लाख रु. का राजस्व अर्जित किया गया था जबकि 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 6395 करोड़ 15 लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया गया। चालू वित्तीय वर्ष में 17.65 प्रतिशत विकस दर के साथ 5572 करोड़ 96 लाख की रेवेन्यू जमा हेा चुकी है। उन्होंने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में खनन गतिविधियों से 6 से 8 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व 22 से 25 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिल रहा है। सीमित संसाधनों के बावजूद विभाग द्वारा राजस्व बढ़ोतरी के बेहतरीन परिणाम मिले हैं।
बैठक में उपसचिव नीतू बारुपाल, अतिरिक्त निदेशक हर्ष सावनसूखा, ओएसडी एमपी मीणा, एफए गिरिश कछारा, अतिरिक्त निदेशक एनपी सिंह, आलोक जैन, जय गुरुबक्सानी, डीएलआर गिरेन्द्र सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।