माहौल सर्दियों का हो, गर्म चाय हो और उतना ही गर्म हो राजनैतिक चर्चाओं का दौर, इससे बेहतर और क्या हो सकता है, चाय की चुस्कियों के साथ जब बातें परोसी जाए या बातों के बहानों से ही चाय की चुस्की ली जाए तो बातों और चाय दोनों का मज़ा दोगुना हो जाता है।
इस चाय का इतिहास 60 साल पुराना
राजस्थान विधानसभा चुनाव के कुछ ही दिन बचे हैं और इस समय राजनैतिक चर्चा जगह-जगह देखने और सुनने को मिलती है और हम बात करें तो ऐसी चर्चा अधिकतर चाय की थड़ी या टी-स्टाल पर अधिक देखने को मिलती है और आपको बता दें की जयपुर में एक ऐसी फैमस जगह है जो ऐसी चर्चाओं के लिए बहुत ही खास है, जयपुर के चौड़ा रास्ता में स्थित “साहू टी स्टाल” के नाम से एक ऐसी जगह है जो चाय और राजनैतिक चर्चाओं के लिए जानी जाती है, यहां पर आम-नागरिक के साथ-साथ बड़ी हस्तियां और राजनेता भी चाय का लुफ्त उठाने आते है, साहू टी स्टाल के मालिक इंद्र साहू ने बताया की इस टी स्टाल को शुरू हुए 60 वर्ष हो गए हैं उन्होंने बताया की इसकी शुरुवात उनके दादा जी ने की थी और उनके बाद इंद्र साहू के पिताजी और इंद्र दोनों इसकी कमान संभाल रहे है।
इंद्र साहू ने बताया की यह जगह धीरे-धीरे ताजा राजनीतिक चर्चाओं और गरमा गरम चाय के लिए प्रसिद्ध हो गई। धीरे-धीरे जयपुर ने विस्तार किया लेकिन लोगों के पसंदीदा ‘साहू की चाय’ ने अपना स्वाद और वर्ग बरकरार रखा। आज भी जयपुर के अधिकांश लोग यहां चाय पीने आते हैं। यहाँ भीड़ का आलम ये रहता है कि जिसने एक बार इसे चख लिया वो किसी न किसी बहाने से दिन भर में एक चाय की चुस्की लेने आ ही जाते हैं।
अगर पूछा जाए कि ऐसी चीज क्या है जिसके बिना जयपुरवासी नहीं रह सकते हैं, तो जवाब शायद चाय ही होगा, और वो भी साहू की चाय, यहां के स्थानीय लोगों कहना है कि साहू की चाय में जो स्वाद और ताजगी मिलती है वो शायद ही किसी और जगह नसीब हो। बथेरे लोग तो अपने दिन की शुरुआत ही इसी चाय के साथ करते हैं और दावा करते हैं कि ये स्वाद कहीं और नहीं हो सकता| इतने सालों का पवित्रता, ताजगी और गुणवत्ता से जो विश्वास इस चाय ने बनाया है, वो कहीं और कैसे मिल सकता है।
ऐसे बढ़ता है चाय का जायका
चाय बनाने की तकनीक की बात की जाएं तो इसे जलते हुई कोयले की धीमी आंच पर तैयार करते हैं, जो की पुरानी और इस दूकान की पहचान बन चुकी है, इतना ही नहीं, इस चाय को परोसा भी जाता है मिट्टी के बने कुल्हड़ों में, जिसमें मिट्टी की सौंधी खुशबु इसका ज़ायका और बढ़ा देती है, साहू चाय स्टाल पर चाय के साथ हलके नाश्ते की भी व्यवस्था है, जैसे कचौरी, फैन और मठरी हैं। इंद्र साहू ने बताया की चाय स्टाल सुबह 5 बजे शुरू होता है और रात में 10 तक खुला रहता है। यह वह जगह है जहां आप जयपुर में सर्वश्रेष्ठ चाय पी सकते हैं।
इन राजनेताओं ने ली साहू चाय की चुस्की
तस्वीर में- मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मोहनलाल गुप्ता, रामचंद्र बोहरा, अशोक लाहोटी व अन्य
साहू टी-स्टाल पर राजनेताओं का जमावड़ा लगा रहता है, सभी पार्टियों के राजनेता यहाँ पर आकर चाय का लुफ्त उठाते है, आपको बता दे की प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी साहू की चाय का लुफ्त उठाती है इंद्र ने बताया की राजे बहुत बार उनके टी स्टाल पर चाय पीने पहुंची है और जब भी जयपुर दौरे पर रहती है तो चाय पी कर ही जाती है आपको बता दे की साहू टी स्टाल पर इंद्र साहू और उनके पिताजी की फोटो मुख्यमंत्री राजे के साथ उनके टी स्टाल के अंदर लगी हुई है, और भी बड़े- बड़े राजनेता वहां चाय पीने आते है, वहां के क्षेत्रीय विधायक मोहनलाल गुप्ता भी वहां पर चाय का लुफ्त उठाते है उनका भी फोटो टी स्टाल पर लगा हुआ है।
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मुख्यतः या सीधी भाषा में कहा जाए तो चाय पर होने वाली चर्चाओं में जयपुर में अगर कोई जगह कोई ढूंढ रहा है तो इस जगह का चुनाव सबसे बहतर होगा, और हाँ चुनाव से याद आया, अगर राजनैतिक, व्यापारिक या सामान्य किसी चर्चों पर आम जनता का विचार जानना हो तो इस से बहतर जगह क्या होगी, क्योंकि यहाँ वोट देने वाले भी हैं और वोट मांगने वाले भी, जो जयपुर घुमने भर आया है जिनमें विदेशी सैलानी भी शामिल हैं वो भी एक बार तो इस चाय का और चर्चाओं का मज़ा लूटने यहाँ आ ही जाता है।
फोटो: गूगल