जैसलमेर के कई गांवों में ‘ओरण बचाओ अभियान’ ने पकड़ा जोर, वंडर सीमेंट के खिलाफ लोगों ने क्यों खोला मोर्चा? पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट

जैसलमेर के विभिन्न गांवों में पसरे ओरण को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करवाने और उन्हें निजी कंपनियों से मुक्त करवाने के लिए बीते एक दशक से पर्यावरण प्रेमी लड़ाई लड़ रहे.

जैसलमेर, कुलदीप छंगाणी। रेगिस्तान की कल्पना रेत के टीलों के बीच पसरे सूखे प्रदेश के रूप में की जाती है जिसमें वनों का होना लोगों की कल्पना में भी नही होता होगा. लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं है मरुस्थल की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार यहां मरुस्थल के अनुकूल वन होते है जिस पर यहां निवास करने वाली आबादी और पशुधन निर्भर करते है. लेकिन पिछले कुछ सालों में विकास के नाम पर इन वनों की अंधाधुन कटाई की जा रही है. जैसलमेर के जंगलों की जमीन सरकार कभी सोलर और विंड कंपनियों तो कभी सीमेंट कंपनियों के हाथों बेच दे रही है जिससे यहां के मरुस्थलीय पर्यावरण को नुकसान हो रहा है.

जैसलमेर के विभिन्न गांवों में पसरे ओरण (किसी भी धार्मिक स्थान के चारों और फैली जंगल की जमीन जिसका उपयोग चारागाह के लिए किया जाता है, इस जमीन पर लगे किसी भी पेड़ को काटा नहीं जाता) को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करवाने और उन्हें निजी कंपनियों से मुक्त करवाने के लिए बीते एक दशक से पर्यावरण प्रेमी लड़ाई लड़ रहे. करीब पांच सालों से ओरण बचाओ संघर्ष समिति से जुड़े जैसलमेर के 42 वर्षीय पार्थ जगानी राजस्थान चौक को बताते है कि उन्होंने ओरण बचाओ संघर्ष समिति के साथ मिलकर इन पांच सालों में लगातार लड़ाई लड़ते हुए जैसलमेर की 60 हजार बीघा जंगल की जमीन को जंगलों के नाम से दर्ज करवा दिया है.

वो आगे बताते है अभी जैसलमेर में 30 हजार बीघा जमीन और है जिन्हें ओरण के नाम से दर्ज करवाना है. राजस्थान चौक ने जैसलमेर से 40 किलोमीटर दूर स्थित पारेवर नाम के गांव का जायजा लिया इस गांव में हाल ही में वंडर सीमेंट कंपनी ने सीमेंट बनाने का प्लांट स्थापित किया है और गांव वाले इस कम्पनी से गांव की जमीन छुड़ाने के लिए सरकार से लड़ाई लड़ रहे है. गांव वालों का दावा है कि ये जमीन गांव की ओरण भूमि में आती है और इस जमीन पर ही उनका जीवन निर्भर करता है.

पारेवर के रहने वाले 40 साल के जीवणसिंह के पास गांव में सबसे ज्यादा पशुधन है वे कहते है गांव की खुली ओरण भूमि ही मेरे पशुओं के साथ ही मेरे जीवन का भी आधार है, इस भूमि पर लगने वाली घास, खेजड़ी की पत्तियों से मेरे पशुओं का पेट भरता और उनसे मिलने वाले उत्पादन से मैं और मेरे बच्चे अपना पेट भरते है, अब बाहर की कंपनिया आकर इन्ही पेड़ों को काटकर यहां प्लांट स्थापित करेगी तो हमारा क्या होगा. ऐसे ही पारेवर के रहने वाले 50 साल के जितेंद्र सिंह गांव वालों के साथ मिलकर कथित ओरण बचाने की लड़ाई लड़ रहे है.

वे राजस्थान चौक से बातचीत के दौरान कहते है कि मुझे अपने मरुस्थल के जंगलों को बचाने के लिए जो कुछ भी करना पड़ा वो करूंगा लेकिन कंपनी के हाथों ये जमीन नही जाने दूंगा. गांव के कथित ओरण पर वंडर सीमेंट का प्लांट स्थापित होने के बाद उन्हें हटवाने के लिए किए गए उनके प्रयासों पर राजस्थान चौक द्वारा पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि ओरण को बचाने के लिए पूरा गांव एक है. इसके लिए हमने गांव से जैसलमेर कलेक्टर ऑफिस तक पैदल ओरण बचाओ यात्रा निकाली है जिसमें गांव वालों को पूरे जैसलमेर के लोगों का संहयोग मिला है, इसके अलावा हम ये मामला कोर्ट तक भी लेकर गए है. वे कहते है आगे भी हमारा संघर्ष जारी रहेगा.

गौरतलब है कि जैसलमेर में सीमेंट बनाने में उपयोग होने वाला लाईम स्टोन (चुना पत्थर) पाया जाता है. पारेवर गांव में भी लाईम स्टोन का भंडार होने के कारण वंडर सीमेंट कंपनी द्वारा यहां की जमीन को लीज पर लेकर खनन किया जा रहा है और अब कंपनी इसी गांव में सीमेंट प्लांट स्थापित कर रही है.

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
Dr Sharad Purohithttps://x.com/DrSharadPurohit
शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
--advt--spot_img