गर्मी की तैयारी में PHED, नहरबंदी को लेकर एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल के निर्देश

प्रदेश का पेयजल महकमा गर्मी और नहरबंदी की तैयारियों में जुट गया है। आज जल भवन में एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बैठक लेकर अहम निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि 28 मार्च से प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान पेयजल स्टोरेज और टेल एण्ड तक पानी उपलब्ध कराने की कार्ययोजना पहले से ही तैयार कर अभी से पुख्ता तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।

नहरबंदी का 10 जिलों पर असर

डॉ. सुबोध अग्रवाल मंगलवार को जल भवन में विभाग की पेयजल योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान प्रभावित होने वाले 10 जिलों बीकानेर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चुरू, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर, सीकर और झुंझुनूं में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति के लिए तैयारियां करने को कहा। साथ ही, पेयजल के स्टोरेज के लिए जलाशयों, डिग्गियों में अतिरिक्त पानी रखने, वैकल्पिक जल भण्डारण, जल प्रवाह के दौरान संवेदनशील हैड वर्क्स पर पानी की चोरी रोकने के लिए प्रशासन की मदद से पुख्ता इंतजाम करने के भी निर्देश दिए।

28 मार्च से नहरबंदी

जल संसाधन विभाग की ओर से 28 मार्च से 26 अप्रेल तक पहले 30 दिन तक आंशिक नहरबंदी एवं इसके बाद पूरे एक

माह के लिए पूर्ण नहरबंदी प्रस्तावित है। नहरबंदी के दौरान इन दस जिलों के 49 शहरों एवं करीब 7500 गांवों में पेयजल व्यवस्था का प्रबंधन किया जाना है। बीकानेर जिले में पेयजल व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए 21 कार्यों के लिए 9 करोड़ 40 लाख रूपए तथा श्रीगंगानगर में शहरी क्षेत्र के लिए 11 कार्यों के लिए 1 करोड़ 58 लाख रूपए की की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी हैं।

टंकियों की सफाई कार्य में लाएं तेजी

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्य की विभिन्न जल प्रदाय योजनाओं पर स्थापित जलाशयों को साफ करने के कार्यों में तेजी लाने और तय समय में टंकियों की सफाई करने के निर्देश दिए हैं ताकि आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। भूतल, स्वच्छ एवं उच्च तीनों प्रकार के जलाशयों की सफाई में भरतपुर की प्रगति सबसे कम होने पर उन्होंने संबंधित अभियंता को कार्य में तेजी लाने को कहा। उन्होंने उच्च जलाशयों की सफाई हर छह माह में तय समय पर सुनिश्चित करने को कहा और इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।

अवैध कनेक्शन पर बरतें सख्ती

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि किसी की भी सिफारिश आए फील्ड अभियंता अवैध कनेक्शन हटाने के मामले में कोई रियायत नहीं बरतें। उन्होंने आगामी ग्रीष्म ऋतु से पहले ही प्राथमिकता से अवैध कनेक्शन हटाने के निर्देश दिए।अधिकारियों ने बताया कि 1 अप्रेल 2022 से 3 जनवरी 2023 तक 11 हजार 665 अवैध जल संबंध हटाए गए, 1836 जल संबंधों को नियमित किया गया। इनमें अजमेर में 2110, नागौर में 2112, जयपुर में 1918, अलवर में 1378 एवं बीकानेर में 703 अवैध कनेक्शन हटाए गए। इस अवधि में करीब 642 अवैध बूस्टर्स भी जब्त किए गए। इनमें सबसे ज्यादा 377 जयपुर में जब्त किए गए। जयपुर में सर्वाधिक करीब 642 किमी पुरानी एवं क्षतिग्रस्त पाइप लाइनचिन्हित की गई है जिसे बदलने का कार्य शुरू हो गया है।

बैठक में एमडी जल जीवन मिशन अविचल चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव रामप्रकाश, उप सचिव गोपाल सिंह, मुख्य अभियंता (जल जीवन मिशन) आर. के. मीना, मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना) दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (प्रशासन) राकेश लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (शहरी एवं गुणवत्ता नियंत्रण) के डी गुप्ता, मुख्य अभियंता (जोधपुर) नीरज माथुर, मुख्य अभियंता भूजल सूरजभान सिंह, मुख्य रसायनज्ञ एच सी देवन्दा सहित प्रदेश भर के पीएचईडी रीजन और प्रोजेक्ट्स से जुड़े अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता मौजूद रहे।

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लेखक परिचय

Ankit Tiwari
Ankit Tiwarihttp://rajasthanchowk.com/
वर्ष 2003 से पत्रकारिता में। बिजनेस रिपोर्टिंग, उपभोक्ता अधिकारो, आम आदमी से जुड़े पहलुओं, उद्योग, ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, टैक्स, ऊर्जा, बैंकिंग और कृषि सेक्‍टर पर विशेष पकड़।बिजनेस सेमीनार, बड़े आयोजनों सहित बहुजनहिताय के मुद्दों पर रिपोर्टिंग।
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