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राजस्थान में हस्तशिल्प निर्यात बढ़ाने की तैयारी, सीएम भजनलाल शर्मा बोले यह करेंगे बड़े काम

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अंकित तिवारी, जयपुर। राजस्थान के हस्तशिल्प ने दुनियाभर में अपना डंका बजाया हुआ है, इसके निर्यात में ओर इजाफा हो इसकी पहल राजस्थान की डबल इंजन सरकार कर रही है। सीएम भजनलाल शर्मा का कहना है कि पीएम विश्वकर्मा योजना और हस्तशिल्प, हैंडलूम और एमएसएमई के 50 नए क्लस्टर विकसित कर हस्तकला क्षेत्र के विकास को गति दी जाएगी।

सांस्कृतिक धरोहर है हस्तकला

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान का हस्तशिल्प प्रदेश का गौरव है। यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई और प्रभावी नीतियां तैयार की हैं तथा स्टार्टअप क्षेत्र में भी नवाचार को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प के संरक्षण एवं संवर्धन से विकसित राजस्थान और आपणो अग्रणी राजस्थान का विजन साकार रूप लेगा। शर्मा गुरूवार को जोधपुर में पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस उत्सव के माध्यम से प्रदेश के हस्तशिल्प को बढ़ावा के साथ ही कारीगरों के लिए भी समृद्धि एवं रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे। राज्य की ब्लू पॉटरी, मार्बल के हस्तशिल्प, पीतल की कलाकृतियां, मिनिएचर पेंटिंग, काष्ठ कलाकृतियां, कपड़ा छपाई आदि दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। ऐसे में यह उत्सव प्रदेश की अद्भुत हस्तशिल्प कला के संरक्षण एवं संवर्धन का एक सशक्त मंच प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस उत्सव में राइजिंग राजस्थान के प्रयासों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

हस्तकला विकास प्राथमिकता से

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 6 लाख से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों के लिए हस्तशिल्प के क्षेत्र में प्रगति के नए रास्ते खोले जा रहे हैं। सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिनमें कारीगरों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर प्रशिक्षण और विपणन जैसे अवसर प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के शिल्पकारों और कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने के लिए कौशल विकास को बढ़ावा दे रही है। हाल ही में राजस्थान निर्यात संवर्धन नीति 2024 और एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) नीति जैसी पहल की गई हैं। जिलों की उत्कृष्ट हस्तशिल्प को ओडीओपी में शामिल कर विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

पीएम विश्वकर्मा योजना से बनेगा आत्मनिर्भर भारत

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के हस्तशिल्पियों और कलाकारों की कला को सम्मानित करने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरूआत की है। इस योजना में राज्य सरकार द्वारा 2 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान जारी कर उन्हें सक्षम एवं समृद्ध बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से कलाकारों को उचित प्रशिक्षण, ऋण सहायता और वैश्विक बाजार तक पहुंच मिल रही है जिससे वे आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी निभा सकें।

हस्तशिल्प, हैंडलूम और एमएसएमई के 50 नए क्लस्टर होंगे विकसित

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदर्शनी, कार्यशाला, सेमिनार आदि के आयोजन के लिए जयपुर में पीएम यूनिटी मॉल की स्थापना की जाएगी। साथ ही, प्रदेश में हस्तशिल्प, हैंडलूम और एमएसएमई के 50 नए क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि माटी कला से जुड़े प्रदेश के कलाकारों के उत्थान के लिए माटी कला उत्कृष्टता केंद्र, चयनित खादी ग्रामोद्योग संस्थाओं एवं समितियों के साथ ही बुनकर संघ से जुड़े बुनकरों को ऋण एवं सहायता उपलब्ध करवाना, नई पर्यटन इकाई नीति जैसे निर्णयों से हमारे शिल्पकारों को बढ़ावा मिलेगा। सीएम ने कहा कि हम पारंपरिक हस्तशिल्प कला को संरक्षित करने के साथ इसे नवाचार और आधुनिक तकनीक से जोड़ कर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी उत्कृष्ट बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री 4.0 की ओर बढ़ने में हस्तशिल्प को तकनीकी नवाचार और स्मार्ट समाधानों का हिस्सा बनाना जरूरी है। राज्य सरकार द्वारा शिल्पकारों को भी स्मार्ट टेक्नोलॉजी एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़कर भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है।

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