जयपुर। अपने लिए जिए तो क्या जिए…ए दिल तू जी जमाने के लिए। कुछ ऐसा ही नेक कार्य कर रहे हैं सांगानेर में कांग्रेस नेता पुष्पेन्द्र भारद्वाज। भारद्वाज पिछले चार साल से जरूरतमंदों और बेसहारा के सहारा बने हुए हैं। इनके पास जो भी पीडि़त आता है, वह मायूस नहीं लौटता है। बुधवार को भी इन्होंने कुछ ऐसा ही कार्य करके अपने ‘जनसेवक’ नाम को चरितार्थ कर दिया। दरअसल, सांगानेर निवासी भाई-बहिन यागिनी नामा और वंश नामा आर.के.पब्लिक स्कूल में पढ़ाई करते हैं। कुछ वर्ष पूर्व इनके सिर से पिता का साया उठ गया। इनकी मां ने दूसरा विवाह कर इन्हें बुजुर्ग दादाजी के भरोसे छोड़ दिया। नियति को कुछ और ही मंजूर था और वर्ष 2020 में दादाजी को भी कैंसर हो गया। इन स्थिति में ये बच्चे पूरी तरह अनाथ हो चुके थे। मजबूरन ये होनहार बच्चे वर्ष 2020 से स्कूल की फीस नहीं भर पाए। इन पर फीस के डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा बकाया हो गए। हालांकि, स्कूल प्रबंधन ने भी तीन साल तक इन बच्चों को पढ़ाया। लेकिन, स्कूल प्रबंधन की हिम्मत भी जवाब दे गई, वह इन बच्चों को स्कूल से निकालने की तैयारी कर रहा था। ऐसे में इन बच्चो की बुवाजी ने जनसेवक पुष्पेंद्र से ऑफिस में आकर बच्चो का भविष्य बचाने का निवेदन किया !
इस स्थिति में सांगानेर विधानसभा में कांग्रेस नेता पुष्पेन्द्र भारद्वाज और मानव सेवार्थ पर हितार्थ ग्रुप इन बच्चों के लिए नया सवेरा लाए। भारद्वाज के नेतृत्व में ग्रुप से जुड़े समाजसेवियों ने कुछ ही समय में करीब एक लाख रुपए इकट्ठा कर लिए।
भारद्वाज के आग्रह पर फीस के कम किए पचास हजार
इसके बाद पुष्पेन्द्र भारद्वाज के नेतृत्व में मानव सेवार्थ पर हितार्थ ग्रुप से जुड़े समाजसेवी बुधवार को सांगानेर स्थित आर.के.पब्लिक स्कूल गए। वहां भारद्वाज ने स्कूल संचालक आर.के.डुक्या से बात की और स्कूल फीस के बकाया डेढ़ लाख रुपए में से करीब पचास हजार रुपए माफ करवाए। साथ ही फीस के बकाया एक लाख रुपए जमा करा दिए। ये बच्चे अब हमेशा इसी स्कूल में पढ़ेंगे। इस अवसर पर कैलाश मीना, बच्चों की बुआ, आरिफ, राजन शर्मा, राजेश शर्मा, सांगानेर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राजीव चौधरी, मानसरोवर ब्लॉक अध्यक्ष रतन सैनी, जय जगदीश चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक निभवानी, दिनेश अटोलिया और घनश्याम कूलवाल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
भारद्वाज पहले भी कर चुके हैं नेक कार्य
भारद्वाज ने पहली बार ऐसा नेक कार्य नहीं किया है। वे इससे पहले भी कई बार जरूरतमंदों की आर्थिक मदद कर चुके हैं। कुछ समय पहले मानसरोवर स्थित पार्क में नगर-निगम की लापरवाही के चलते मासूम गौरव केसवानी की करंट से मौत हो गई थी। इस मामले पर राजनीति तो कई सारे जनप्रतिनिधियों ने की, लेकिन पीडि़त मां की मदद किसी ने नहीं की। पीडि़त मां हर जगह से निराश हो चुकी थी, इस दौरान पुष्पेन्द्र भारद्वाज उसके लिए आशा की किरण बने। उन्होंने उस पीडि़त मां को दो लाख रुपए की आर्थिक मदद दी थी। साथ ही उसके अन्य बच्चों की पढ़ाई का खर्चा भी अभी तक वे स्वयं ही वहन कर रहे हैं। इसके अलावा कोरोना काल में भारद्वाज ने हजारो लोगो की मदद के साथ राजा हिन्दुस्तानी नामक एक ठेले वाले की भी दयनीय हालत देखकर आर्थिक मदद की थी।