शरद पुरोहित,जयपुर। 13 नवंबर को राजस्थान की सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव में चार प्रमुख उम्मीदवारों के नाम चर्चा का विषय बने हुए हैं, जो राज्य के प्रभावशाली राजनीतिक परिवारों से आते हैं। यहां देखें प्रमुख उम्मीदवारों की पूरी जानकारी और उनके राजनीतिक परिवार की पृष्ठभूमि।
झुंझुनू से अमित ओला: कांग्रेस के ओला परिवार की तीसरी पीढ़ी
झुंझुनू विधानसभा से कांग्रेस ने 48 वर्षीय अमित ओला को चुनावी मैदान में उतारा है। ओला परिवार से संबंध रखने वाले अमित अपने दादा शीशराम ओला और पिता बृजेंद्र ओला की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। शीशराम ओला, कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, जो लोकसभा और विधानसभा के कई बार सदस्य रहे। अमित ओला पर अपनी पारिवारिक सीट बरकरार रखने का दबाव है। उनकी पत्नी आकांक्षा ओला भी राजनीति में सक्रिय हैं, जो महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं।
रामगढ़ से आर्यन जुबैर: खान परिवार की तीसरी पीढ़ी का नेतृत्व
रामगढ़ विधानसभा सीट से 27 वर्षीय आर्यन जुबैर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनके पिता, जुबैर खान, चार बार विधायक रह चुके हैं। उनके निधन के बाद कांग्रेस ने आर्यन को टिकट दिया। आर्यन की मां साफिया जुबैर भी 2018 में रामगढ़ से विधायक चुनी गई थीं। इस सीट पर खान परिवार और भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा के बीच लंबे समय से मुकाबला रहा है।
दौसा से जग मोहन मीना: भाजपा के मीना परिवार की तीसरी सदस्य
दौसा से भाजपा ने जग मोहन मीना को मैदान में उतारा है, जो आरएएस अधिकारी और वरिष्ठ भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीना के भाई हैं। उनका राजनीति में प्रवेश उनके नौकरशाही करियर के बाद हुआ। यदि वे जीतते हैं, तो मीना परिवार से वे तीसरे विधायक होंगे। वे लंबे समय से भाजपा के अभियानों में सक्रिय रहे हैं और आरएसएस से जुड़े रहे हैं।
खींवसर से कनिका बेनीवाल: आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल की पत्नी
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल खींवसर से उम्मीदवार हैं। यह सीट बेनीवाल परिवार के पास कई वर्षों से है, जहां हनुमान बेनीवाल तीन बार विधायक रह चुके हैं। अब उनकी पत्नी कनिका पार्टी का नेतृत्व करने का प्रयास कर रही हैं।