चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश सरकार ने राजनीतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में गहलोत सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को अपने पक्ष में करने की कवायद शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसी भी कीमत पर सरकार रिपीट करना चाहते हैं. सरकार ने यह फैसला सोशल मीडिया की बढ़ती पहुंच को देखते हुए लिया है.
प्रदेश सरकार ने सोशल मीडिया अकाउंट होल्डर या इंफ्लूएन्सर के ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम व यू-ट्यूब में से किसी पर भी जहां 10 हजार से ज्यादा फॉलोवर होने पर हर महीने अधिकतम 5 लाख व न्यूनतम 10 हजार के सरकारी विज्ञापन दिए जाएंगे. सरकार इस पैंतरे से जनता का मूड अपने पक्ष में करना चाहती है. वहीं, इस बारे में संपूर्ण जानकारी सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय की ओर से जारी कर दी गई है. सीएम गहलोत के इस फैसले को मास्टरस्ट्रोक के तौर पर भी देखा जा रहा है.
चार कैटेगरी में बांट दिए जाएंगे विज्ञापन
प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, सोशल मीडिया होल्डर्स के फॉलोवर्स की संख्या के हिसाब से इन्फ्लूएंसर्स की 4 कैटेगरी बनाई गई है. जिसमें प्रत्येक इन्फ्लूएंसर्स का पिछले 6 महीने का रिकॉर्ड जांचा जाएगा और इसके बाद हर कैटेगरी के हिसाब से पोस्ट व वीडियो की संख्या के आधार पर विज्ञापन दिए जाएंगे.
ये फॉलोवर्स के हिसाब से श्रेणियां-
न्यूनतम 10 लाख सब्सक्राइबर या फॉलोवर्स- श्रेणी ए
न्यूनतम 5 लाख सब्सक्राइबर या फॉलोवर्स- श्रेणी बी
न्यूनतम 1 लाख सब्सक्राइबर या फॉलोवर्स- श्रेणी सी
न्यूनतम 10 हजार सब्सक्राइबर या फॉलोवर्स- श्रेणी डी
आइए श्रेणी के माध्यम से समझते है-
श्रेणी ए- एक रील/एक पोस्ट के 10,000 हजार रूपये
श्रेणी बी- एक रील/एक पोस्ट के 5,000 हजार रूपये
श्रेणी सी- एक रील/एक पोस्ट के 3,000 हजार रूपये
श्रेणी डी- एक रील/एक पोस्ट के 1000 हजार रूपये
ट्विटर पर एक ट्वीट और एक वीडियो की विज्ञापन राशि-
श्रेणी ए- ।0 हजार रुपए
श्रेणी बी- 5 हजार रुपए
श्रेणी सी- 3 हजार रुपए
श्रेणी डी- 1 हजार रुपए
प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सीधे तौर पर मिलेंगे विज्ञापन
वहीं दूसरी ओर, प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के प्रतिष्ठित व्यक्तियों व सोशल मीडिया अकाउंटर्स को विभागीय समिति की अनुशंषा पर बिना किसी कैटेगिरी और रिकॉर्ड के सीधे भी विज्ञापन दिया जा सकेगा. हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद जिन सोशल मीडिया होल्डर्स या इंफ्लूएंसर्स के ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम व यू-ट्यूब में से किसी एक पर भी 10 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं तो वह विज्ञापन लेने के लिए योग्य माना जाएगा.