चौक टीम, जयपुर। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद से ही राजस्थान भाजपा में उथल-पुथल मची हुई है। प्रदेश में भाजपा को उम्मीद से विपरीत परिणाम देखने को मिले, क्योंकि लोकसभा की 11 सीटों पर भाजपा की बड़ी हार हुई और 25 में सिर्फ 14 सीटों पर ही जीत मिली। इसके बाद पार्टी ने कारण खोजने के लिए प्रदेश भाजपा मुख्यालय में बीते दो दिन तक मैराथन बैठक की है।
उधर, इन मैराथन बैठकों के बाद सीएम भजनलाल शर्मा आज दिल्ली पहुंच गए हैं। जहां भजनलाल शर्मा एयरपोर्ट से सीधे पीएम आवास पहुँचे है। दोनों के बीच मुलाकात का क्या मुद्दा है, ये अभी साफ नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि राजस्थान के बीजेपी संगठन में बड़े उलटफेर हो सकते हैं। ये मुलाकात भी इसी से जुड़ी हो सकती है। वहीं, दिल्ली में सीएम भजनलाल शर्मा की पीएम मोदी से लोकसभा चुनाव के परिणामों पर चर्चा हो सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले हफ्ते 10 जून को सीएम भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
भाजपा की बैठकों में हार के रहे ये कारण
बताया जा रहा है कि बैठक में आपसी कलह, संगठनात्मक कमजोरी, टिकट वितरण और अपनों की दगाबाजी सबसे प्रमुख कारणों में सामने आए। बैठक में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, चुनाव प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय संगठक वी सतीश और सहप्रभारी विजया राहटकर ने बारी-बारी से सभी हारी हुई लोकसभा सीटों के जिला अध्यक्ष, लोकसभा प्रभारी ,सांसद प्रत्याशी सहित तमाम पदाधिकारी से चर्चा कर पूरा फीडबैक लिया।
इन 11 सीटों पर हुई दो दिन चर्चा
बैठक में पहले दौर में शनिवार को 7 लोकसभा सीटों पर चर्चा हुई, जिसमे टोंक – सवाईमाधोपुर, दौसा, झुंझुनू , नागौर, सीकर, चूरू, बाड़मेर सीट थी। वहीं दूसरे दिन रविवार को भरतपुर, करौली – धौलपुर, गंगानगर और डूंगरपुर – बांसवाड़ा लोकसभा सीटों का फीडबैक लिया गया।
बैठक में कई नेताओं ने रखी अपनी राय
बैठक में कई नेताओं ने कहा कि हार में अपने लोग भी बड़ा कारण रहे, इनका फीडबैक पहले ही दे दिया था, लेकिन इनका कुछ नही किया गया. इन नेताओं ने साथ रहने का नाटक किया, लेकिन उनके समर्थकों ने पार्टी को हरवा दिया। इसके साथ टिकट वितरण में स्थानीय नेताओं की राय को नजरअंदाज किया गया। ऐसे प्रत्ययाशी को टिकट दिया, जिसकी क्षेत्र में पकड़ होना तो दूर, वहां पर विरोध था। पार्टी के निर्देश के बाद भी कई नेता प्रत्याशियों के साथ में नहीं थे बल्कि उन्हें हराने के लिए भीतरघात कर रहे थे।
बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान कई लोकसभा सीटों चर्चा के दौरान पदाधिकारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए आमने-सामने हो गए थे।