राजस्थान चुनाव – 59 सीटें आखिर किसे बनाएगी इस चुनावी रण का विजेता ?

काफी समय से चल रहे राजस्थान में चुनाव प्रचार अब थम चुका है। 5 दिसम्बर को जब से आंचार संहिता लगी है उसके बाद से प्रचार प्रसार का शोर-गुल तो रूक गया है और अब इंतजार है तो बस 7 दिसंबर का जब सभी लोग चुनाव के लिए तैयार होगे। देखना ये है कि आखिर 11 दिसंबर को क्या रिजल्ट आता है और किसकी सरकार बनती है। हर बार की तरह इस बार भी जनता चुनाव में अपना बहुमूल्य मत देकर प्रदेश मे नई सरकार का गठन करेगी। इस चुनाव में 2294 प्रत्यशियों के भाग्य का फैसला सिर्फ जनता के सिर पर ही होगा।

राजस्थान के चुनावी रण की बात करे तो अनुसूचित जाति और जनजाति का मत पार्टी के लिए अमूल्य है। खास बात तो ये है कि राज्य में कुल आबादी का तकरीबन एक तिहाई मत इसी समाज का है। ये राजस्थान की 59 सीटों पर जीत-हार के लिए निर्णायक होंगे। इसीलिए हर सरकार इन्हें हर तरीके से खुश रखना चाहती है और इनके फेवर में बात करती नजर आती है। बता दें कि राजस्थान में सभी सात मंडलों पर अनुसूचित जाति(एससी) के मतदाता है। हालांकि अनुसूचित जनजाति(एसटी) की बात करें तो उदयपुर संभाग में इनकी संख्या काफी अधिक है।

पिछले कुछ दिनों कि बात करे तो दोनों ही प्रमुख दलों के साथ साथ अन्य तीसरी पार्टी के उम्मीदवार ने चुनावी रैली और रोड शो से सभी मतदाताओं को लुभाने की अच्छी कोशिश की है। इन सीटों को लेकर हर पार्टी चाह रहीं है ये वोट उनकी ही झोली में आकर गिरें।

इसीलिए चुनाव प्रचार के दौरान पार्टियों के बीच इन्हीं मुद्धो को सुना गया। भाजपा ने जहां इस बार इन वर्गों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं। वहीं कांग्रेस ने सभी को ये भरोसा दिलाया है कि उन्हें इस बार सहीं लोगों को वोट करना चाहिए, ताकि इस बार उनके साथ कुछ गलत ना हो और कांग्रेस की सरकार उनके लिए काफी कुछ नया कर सके।

प्रदेश की इन सीटों की अहमियत कितनी है इसका अंदाजा तो आपको चुनावी प्रचार शुरू होने के दौरान ही पता चल गया होगा। आकपो बता दें कि राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चुनाव अभियान की शुरुआत में ही उदयपुर के चार भुजा मंदिर से की थी। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पहली रैली उदयपुर संभाग के सागवाड़ा से शुरू की थी। इससे ही पता चलता है कि दोनो पार्टियों को इस जगह की और इस जगह से होने वाली जीत की कितनी कद्र है। दोनो ही पार्टियां इस बात को जानती है कि अगर ये जगह उनके अंडर में आ जाती है तो उनकी जीत पक्की है।

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लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
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शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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