‘वफा का वह दौर अलग था…आज तो लोग उसी अंगुली को काटने का प्रयास करते हैं…’, वसुन्धरा राजे ने किसपर साधा निशाना?

लोकसभा चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने पहले दौरे पर मेवाड़ पहुंचीं। यहां उन्होंने असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के साथ मंच साझा किया।

चौक टीम, जयपुर। लोकसभा चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने पहले दौरे पर मेवाड़ पहुंचीं। यहां उन्होंने असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के साथ मंच साझा किया। दरअसल सुंदर सिंह भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से उदयपुर में विशिष्ट जन सम्मान समारोह और व्याख्यान माला कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए गुलाबचंद कटारिया के लिए कहा- कि उन्होंने चुन चुनकर लोगों को भाजपा से जोड़ा है। इनका आना-जाना, बैठना और मिलना हमने सब देखा है। कटारिया असम के राज्यपाल हैं और वे महामहिम हैं। वह दूर रह कर भी हमारा ध्यान रखते हैं। हम लोग रहें या नहीं लेकिन हमारी मूल विचारधारा को जीवित रखना है।

राजे ने कहा कि सुंदर सिंह भंडारी ने एक पौधे को वृक्ष बनाया है। उन्होंने संगठन को मजबूत करने का काम किया। कार्यकर्ताओं को ऊंचा उठाने का काम किया, आप सभी लोगों को मालूम है। उन्होंने हमें एक पौधा समझा और धीरे-धीरे आगे बढ़ाने का काम किया। राजे ने कहा कि एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नहीं चलेंगें। ये नारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया था। आज उनका बलिदान दिवस है। उन्होंने दावा किया कि वे मरे नहीं थे, साजिश के तहत मारे गए।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि भंडारी जी ने राजस्थान में भैरोंसिंह जी सहित कितने ही नेताओं को आगे बढ़ाया है, लेकिन वफा का वह दौर अलग था। तब लोग किसी के किए हुए को मानते थे, लेकिन आज तो लोग उसी अंगुली को पहले काटने का प्रयास करते हैं, जिसको पकड़ कर वह चलना सीखते हैं। वसुंधरा ने कहा कि मां ने हमेशा हमें संघ के संस्कार दिए। मेरी माता ने पहली जनसंघ की सरकार बनाई थी।

राजे ने कहा कि उनकी माता विजयाराजे सिंधिया ने एमपी में 1967 में देश में पहली बार जनसंघ की सरकार बनाई और गोविंद नारायण सिंह को सीएम बनाया, तब भंडारी जी ने पत्र लिख कर खुशी जताई थी। मां ने बचपन से ही हमें संघ के संस्कार दिए, हमारे घर में तो कई बार संघ की शाखा लगती थी। अटल जी, आडवाणी जी, राजमाता साहब, भैरोंसिंह जी, सुंदर सिंह जी भंडारी, रज्जू भैया, केएस सुदर्शन जी, दत्तोपंत ठेंगड़ी जी और कुशाभाऊ ठाकरे जी जैसे देशभक्तों का मार्गदर्शन हमें मिला।

बता दें इस कार्यक्रम में राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया की ओर से एक संघ के कार्यकर्ता को धक्का मारने का वीडियो भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि कार्यकर्ता बुजुर्ग विजय लाल सुवालका पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का स्वागत करना चाहता था। ट्रस्टी कुंतीलाल जैन ने उनको कार्यक्रम के चलते मंच से नीचे जाने को कहा, उनको हटाया, लेकिन वे नहीं माने और आगे बढ़ गए।

बाद में राजे के पास बैठे कटारिया कुर्सी से उठे और उन्हें हाथ से पकड़ कर नीचे की तरफ ले जाने लगे। इसपर सुवालका नाराज हो गए और कहा कि धक्का क्यों दे रहे हो। बाद में पुलिस और राज्यपाल के सुरक्षाकर्मी उन्हें नीचे लेकर गए। बता दें कि उदयपुर में हर साल यह कार्यक्रम जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे सुंदर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि और जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित किया जाता है।

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लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
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शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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