विधान सभा चुनाव में कुछ ही दिन रह गए है और इसके लिए पार्टियां एक-दूसरे पर तस कंजने से बाज नहीं आ रही है। इसी बीच राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मुखिया सचिन पायलट का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों पर निशाना सांधा है। उन्होंने कहा है कि भाजपा के दिग्गज कहां थे जब राजस्थान को पिछले पांच सालों में सूखे, बाढ़, झुकाव और किसान आत्महत्या के दौरान उनकी जरूरत थी। इतना ही नहीं सचिन पायलट ने इस बात का भी दावा किया है कि बीजेपी की सरकार राजस्थान विधानसभा चुनाव में 50 सीटों के आंकड़े को भी हासिल नहीं कर सकती है।
सचिन पायलट से सवाल किया गया कि बीजेपी का दावा है कि राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही हैं वैसे-वैसे उनकी राजनीतिक मजबूत हो रही है, क्या यह सच है? इस बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से झूठा प्रचार है। बीजेपी की सरकार चार-पांच दिनों में क्या कर सकती है जब वे 4 साल 11 महीनों में कुछ नहीं कर सके। वसुंधराजी द्वारा दिया गया बुरा शासन और दुख जनता को याद हैं। दिल्ली से कुछ नेताओं बुलाकर उनके भाषणों से वसुंधराजी के प्रति लोगों के नजरिए को बदलना, केवल एक कल्पना मात्र है जिसमे भाजपा जी रही है। उनके साथ मेरी सहानुभूति है। पांच वर्षों में कोई भी बीजेपी नेता लोगों का दुख दर्द बांटने राजस्थान नहीं आया है। सूखे और बाढ़ आई, बलात्कार और हत्याएं हुईं, कट्टरपंथी और सामाजिक अशांति हुई और गाय सतर्कता हिंसा हुई लेकिन उस समय एक भी भाजपा नेता आगे नहीं आया था। अब, अचानक आकर दावा कर रहे है कि सार्वजनिक बैठकें कथाओं को बदल रही हैं।
इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि वसुंधरा राजे का कहना है कि कोई ऐंटी इन्कंबेंसी नहीं है और इसके बारे में आप क्या सोचते है तो उन्होंने कहा कि वसुंधरा जी को पहले दिन से सार्वजनिक क्रोध का सामना करना पड़ा है। वह आम नागरिकों से पांच साल तक दूर रही है। इतना ही नहीं उन्हें बस छोड़कर हेलीकॉप्टर मार्ग लेना पड़ा क्योंकि सड़कों पर लोग आंदोलन कर रहे थे। इतना ही नहीं हर रैली में वसुंधरा राजे के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी नहीं जानती कि कैसे लोगों का सामना किया जाए और वोट के लिए कहा जाए।
सचिन पायलट ने इस दौरान कहा कि मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकता लेकिन बीजेपी चुनाव में 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी यह दर्शाने की कोशिश कर रही है कि उनके और वसुंधरा राजे के बीच किसी प्रकार के मतभेद नहीं है। उन्हें लग रहा है कि लोग उन्हें वोट देंगे लेकिन वे अपनी विफलता में कुछ सम्मानजनक संख्या प्राप्त करने के लिए बस यह सब कर रहे हैं। लेकिन उनके प्रयास व्यर्थ जाएगे। लोगों ने न सिर्फ कांग्रेस को चुनाव देने का फैसला किया बल्कि बीजेपी को सबक सिखाने का भी फैसला किया ।