मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार राजस्थान के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए संकल्पबद्ध है। मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में उन्होंने प्रदेश के विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास कार्यों की समीक्षा की।
राजस्थान में सांस्कृतिक पर्यटन की अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। ऐतिहासिक और आस्था स्थलों के संरक्षण से न केवल पर्यटन क्षेत्र का विस्तार होगा, बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। राज्य सरकार मंदिरों के जीर्णोद्धार और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
विद्यार्थियों को करवाई जाएं ऐतिहासिक स्थलों की यात्राएं
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्कूली विद्यार्थियों को राजस्थान की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से परिचित कराने के लिए प्रसिद्ध स्मारकों और ऐतिहासिक स्थलों की नियमित यात्राएं करवाई जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार ब्रज चौरासी सर्किट को भक्ति पर्यटन के रूप में विकसित कर रही है, जिसके तहत परिक्रमा मार्ग पर पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
तनोट माता मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों के विकास के निर्देश
मुख्यमंत्री ने तनोट माता मंदिर में विकास कार्य करवाने और श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जैसलमेर के गिरदुवाला, कुलधरा और लोंगेवाला को बेहतर सड़क संपर्क से जोड़ने और वहां पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित करने का भी आदेश दिया।
जयपुर के पास सांभर झील को पर्यटन केंद्र बनाने की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के पास स्थित सांभर लेक को गुजरात के रण क्षेत्र की तरह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
राज्य के बाहर स्थित मंदिरों का भी होगा जीर्णोद्धार
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में प्रयागराज में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में राजस्थान के बाहर स्थित मंदिरों के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया गया है। उन्होंने देवस्थान विभाग को निर्देश दिए कि ऐसे मंदिरों का सर्वेक्षण कर उनकी वास्तविक संख्या पता लगाई जाए और उन्हें सूचीबद्ध किया जाए।