शरद पुरोहित,जयपुर। राजस्थान के बूंदी स्थित रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघिन ‘RVT 2’ का कंकाल मिलने से वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों में हलचल मच गई है। बाघिन का रेडियो कॉलर 15 दिनों से सक्रिय नहीं था, जिसके बाद से वन विभाग की टीम लगातार उसकी खोज में जुटी हुई थी। बुधवार को जंगल के बांद्रा पोल इलाके में बाघिन का कंकाल बरामद हुआ।
रेडियो कॉलर से संपर्क टूटने के बाद शुरू हुई खोज
वन विभाग की टीम को बाघिन की अंतिम गतिविधि 15 सितंबर को रेडियो कॉलर से मिली थी, जिसके बाद से उससे संपर्क करने में दिक्कत आ रही थी। वन विभाग ने सर्च अभियान शुरू किया और 50 ट्रैकिंग कैमरों की मदद से 7 किलोमीटर के इलाके में खोजबीन की। अंततः बांद्रा पोल जंगल में बाघिन का कंकाल पाया गया। कंकाल के पास बाघिन का रेडियो कॉलर भी मिला, लेकिन उसमें कोई शिकार या चोट के निशान नहीं मिले हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा मौत का खुलासा
बाघिन की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए कंकाल को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया गया है। हालांकि, फिलहाल वन विभाग का मानना है कि बाघिन की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई हो सकती है। डीएफओ संजीव शर्मा ने कहा कि बाघिन के नाखून, दांत और बाल सुरक्षित मिले हैं, जो यह दर्शाता है कि बाघिन का शिकार नहीं हुआ।
शावकों की स्थिति पर वन विभाग चिंतित
बाघिन के दो शावक भी थे, जिनमें से एक की ट्रैकिंग हो चुकी है और वह सुरक्षित है। लेकिन दूसरे शावक का अभी तक पता नहीं चल पाया है। टीम को उसके पगमार्क मिले हैं, और उसकी तलाश जारी है।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
वन विभाग के डीएफओ संजीव शर्मा ने कहा कि इस मामले में अगर किसी कर्मचारी या अधिकारी की लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एक समिति बनाई जाएगी जो पूरे मामले की जांच करेगी।
आगे के प्रयास
रामगढ़ टाइगर रिजर्व में अन्य बाघ-बाघिनों को शिफ्ट करने के प्रयासों पर भी अब बाघिन ‘RVT 2’ की मौत के बाद रोक लग सकती है। डेढ़ साल पहले रणथंभौर नेशनल पार्क से ‘टी 102’ बाघिन को शिफ्ट किया गया था, लेकिन अब नए बाघों की शिफ्टिंग में भी देरी हो सकती है।