चौक टीम, जयपुर। राजस्थान बीते 10 सालों में कांग्रेस लोकसभा इलेक्शन में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, लेकिन इस बार 11 सीटें जीतने में कामयाब रही। राजस्थान में 11 सीटों के साथ खाता खोलने पर कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के चेहरे पर खुशी की लहर है। प्रदेश में प्रचार-प्रसार की पूरी कमान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के हाथ में रही।
राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि टिकट वितरण में सचिन पायलट की खूब चलीं। सचिन पायलट का जिस भी कंडीडेट का प्रचार-प्रसार किया वो या तो जीत गिया या कड़ी टक्कर देकर हारा है। वहीं अशोक गहलोत अपने ही लोगों को नहीं जीता पाए। बता दें कि पायलट समर्थक हरीश मीणा चुनाव जीते।
मुराली लाल मीणा ने सबसे बड़े अंतर से जीते
कांग्रेस ने अपने गढ़ पूर्वी राजस्थान में वापसी की है। जो कि 6 महीने पहले ही विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से हारी थी। पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस ने दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर और टोंक-सवाईमाधोपुर सीट पर जीत हासिल की है। जबकि अलवर में कांग्रेस किनारे पर आकर हार गई। अलवर से कांग्रेस के ललित यादव करीब 48 हजार से वोटों से हार गए। बता दें कि लोकसभा चुनावों में अलवर से बीजेपी ने 1 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। विधानसभा चुनाव की बजाय लोकसभा में बीजेपी के वोट बैंक में 10 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। इसी का नतीजा है कि राजस्थान में बीजेपी को 14 और इंडिया गठबंधन को 11 सीटें मिली।
पूर्वी राजस्थान में चला SC-ST और गुर्जर फैक्टर
सियासी जानकारों के अनुसार, पूर्वी राजस्थान में दो प्रमुख जातियों गुर्जर और मीणा वोटर्स ने कांग्रेस के पक्ष में जमकर वोटिंग की। माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह सचिन पायलट का कद बढ़ रहा है। उसी वजह से एक बार गुर्जर वोटर्स कांग्रेस की तरफ आ गए हैं। दौसा, करौली-धोलपुर, भरतपुर, टोंक-सवाई माधोपुर(यहां कांग्रेस की जीत), जयपुर ग्रामीण, कोटा-बूंदी, भीलवाड़ा, अजमेर में भी गुर्जरो ने कांग्रेस की झोली भरी है। जबकि मीणा और एससी वोटर्स को संविधान बदलने का डर था। यहीं वजह है कि एससी-एसटी सीट पर कांग्रेस ने बंपर जीत हासिल की है।
पायलट समर्थक चुनाव जीते
सचिन पायलट समर्थक भरतपुर से संजना जाटव चुनाव जीत गई हैं। कांग्रेस ने इस बार पूर्वी राजस्थान में बीजेपी को पीछे धकेल दिया है। इसकी बड़ी वजह सचिन पायलट माना जा रहा है। इसी प्रकार करौली-धौलपुर सीट पर गुर्जर मतदाताओं के बाहुल्य वाली सीट पर भजनलाल जाटव जीते। जयपुर ग्रामीण से युवा चेहरे के तौर पर अनिल चोपड़ा पर दांव लगाया गया जो महज करीब 1600 वोट के अंतर से ही हारे। कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव में पायलट समर्थकों को जितने से कांग्रेस में सचिन का कद और बढ़ गया है।
बता दें राजस्थान लोक सभा इलेक्शन सभी 25 सीटों के नतीजे आ चुके हैं। राजस्थान के नतीजों ने बीजेपी को 14 सीटें, कांग्रेस को 8 और अन्य को 3 सीट मिली हैं। इनमें जयपुर, जयपुर ग्रामीण, बीकानेर, अलवर, अजमेर, पाली, जोधपुर, जालौर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़ शामिल हैं। शेष 8 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली जबकि नागौर में आरएलपी, सीकर में सीपीएम और बांसवाड़ा में बीएपी की जीत हुई है।