शरद पुरोहित,जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार द्वारा शुरू की गई बेटी प्रोत्साहन योजना, जिसके तहत होनहार छात्राओं को स्कूटी दी जानी थी, अब लापरवाही का शिकार हो गई है। बांसवाड़ा जिले के पीजी कॉलेज में पिछले दो साल से लगभग 600 स्कूटियां खुले मैदान में पड़ी हैं और जंग खा रही हैं। यह स्कूटियां आदिवासी छात्राओं को देने के लिए थीं, लेकिन सरकार और अधिकारियों की लापरवाही के कारण इन्हें वितरित नहीं किया जा सका।
योजना पर क्यों लगी ब्रेक?
बांसवाड़ा जिले में 10वीं और 12वीं कक्षा में 66% से अधिक अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटी देने की योजना थी, लेकिन विधानसभा चुनाव और सरकार बदलने के बाद इस योजना पर ब्रेक लग गई। 1690 स्कूटियों की कीमत लगभग 13.50 करोड़ रुपये है, जो अब कबाड़ में बदल रही हैं। 2021-22 में शुरू की गई कालीबाई भील स्कूटी वितरण और देवनारायण योजना के तहत यह स्कूटियां दी जानी थीं।
झाड़ियों में पड़ी स्कूटियां, छात्राओं को नहीं मिली
बांसवाड़ा के विद्या मंदिर कॉलेज परिसर में दो साल से पड़ी करीब 600 स्कूटियां अब झाड़ियों में दबकर जंग खा रही हैं। छात्राओं को समय पर स्कूटी नहीं मिलने के कारण इनका लाभ नहीं मिल सका। स्कूटी की आपूर्ति करने वाली कंपनी ने स्कूटी आवंटित कर दी थी, लेकिन इनका वितरण नहीं हो सका क्योंकि सरकार से क्यूआर कोड जारी नहीं किया गया।
सरकार की ओर से स्वीकृति का इंतजार
वित्त विभाग द्वारा क्यूआर कोड जारी न होने के कारण स्कूटियों का वितरण नहीं किया जा सका। नोडल अधिकारी हरिदेव जोशी और कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. सरला पंड्या ने बताया कि जैसे ही सरकार स्वीकृति देगी, स्कूटियों का वितरण किया जाएगा।
जनजातीय मंत्री का वादा
जनजातीय मंत्री बाबू लाल खराड़ी ने इस मुद्दे पर कहा कि पिछली सरकार ने आदिवासी बच्चों और छात्राओं के हितों पर ध्यान नहीं दिया। अब हमारी सरकार आई है और चुनावों के कारण हम इस ओर ध्यान नहीं दे पाए, लेकिन अब स्कूटियों का वितरण जल्द ही किया जाएगा।
नई स्कूटियों के लिए आवेदन शुरू
हालांकि, दो साल पुरानी स्कूटियां वितरित नहीं की गईं, लेकिन अब 2023-24 के लिए छात्राओं से नए आवेदन लिए जा रहे हैं। हरदेव जोशी राजकीय कन्या महाविद्यालय ने 1368 छात्राओं से आवेदन प्राप्त किए हैं, जिनमें से कुछ को जल्द ही स्कूटियों का वितरण किया जाएगा।