पांच राज्यों के चुनावी सरगर्मी के बीच किसानों का अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन!

चुनाव के इस माहौल में कई अलग-अलग तरह की चीजें हमें देखने को मिल रही है। इसी बीच किसानों ने भी अपनी मांगो को पूरा ना होने और भी कई मुद्दों को लेकर आंदोलन छेड़ दिया है। आपको बता दें कि हाल ही में दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर के हजारों किसानों ने एक साथ पहुंचकर सभी को दंग कर दिया है। हालांकि इस स्थिति को देखकर दिल्ली पुलिस ने किसानों को संसद तक जाने की अनुमति दे दी है। अगर यातायात और सुरक्षा-व्यवस्था की बात की जाए तो पुलिस ने इसके लिए कड़े प्रबंध भी किए हैं।

दरअसल, किसान आंदोलन में सभी आंदोलनकारियों ने कहा था कि शुक्रवार को सभी किसान रामलीला मैदान से संसद तक पैदल मार्च करेंगे जबकि दिल्ली पुलिस ने इसके लिए सोचा था कि वो सभी किसानों को रामलीला मैदान पर ही रोकने की कोशिश करेंगे लेकिन बातचीत के बाद पुलिस ने इस बात की अनुमति दे दी कि वो संसद तक जा सकते है।

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बताया जा रहा है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर फसलों के उचित दाम की गारंटी देने का कानून बनाने और देशभर के किसानों का कर्ज एकमुश्त माफ करने जैसी दो बड़ी मांगों को लेकर किसान दिल्ली पहुंचे।

इस आंदोलन में ना सिर्फ किसान अपनी समस्याओं के साथ नजर आए बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने भी समर्थन दिया है। उन्होंने ने कहा है कि वो किसानों का दर्द समझते हैं। वो भी एक किसान के बेटे ही हैं। साथ ही उन्होनें कहा कि सरकार को ये समझना चाहिए कि बिना किसान की मदद के किसी भी पार्टी के सत्ता में आने के बारें में हम सोच भी नहीं सकते है।

देशभर के हजारों किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर से पैदल मार्च करते हुए रामलीला मैदान पहुंच गए हैं। इसके बाद उनकी तैयारी है कि वो संसद तक मार्च करेगें। माना जा रहा है कि आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल भी आ सकते हैं।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के मेंबर योगेंद्र यादव और किसान आंदोलन के संयोजक अभिक साहा ने साफ कर दिया है कि यह किसान आंदोलन शुरू से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहा है। इसी वजह से हमें ये उम्मीद है कि पुलिस उन्हें संसद तक मार्च करने से बिल्कुल भी नहीं रोकेगीं। लेकिन आपको बता दें कि पुलिस आयोजकों से बातचीत कर यही कोशिश कर रही है कि वे रामलीला मैदान में ही रैली कर लें।

जब इस तरह हजारों लोग रैली के लिए रोड पर उतर आएगें तो साफ सी बात है कि ट्रैफिक के लिए भी पहले से ही प्लान किया जा चुका होगा। इसके लिए पुलिस ने अडवाइजरी जारी कर कहा कि अगर इजाजत मिली, तो किसान सुबह 9 बजे रामलीला मैदान से जंतर मंतर तक मार्च भी कर सकते हैं। इस दौरान नई दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली के कुछ इलाकों में ट्रैफिक प्रभावित हो सकता है। किसान रामलीला मैदान से रंजीत सिंह मार्ग और टॉलस्टॉय मार्ग से होते हुए संसद मार्ग पहुंचेंगे।

रैली के दौरान जिलों की पुलिस फोर्स के अलावा बड़ी तादाद में एक्स्ट्रा फोर्स के जवान भी तैनात करेंगे। करीब 5 से 6 हजार पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए इस समय मौजुद रहेगें। इस समय लगभग 1796 पुलिसकर्मी इस रैली के लिए तैनात किए जा रहे हैं।

इतने किसानों कि रैली को देखते हुए पुलिस ने आयोजकों से अपील की थी कि अगर शाम के पीक ऑवर के दौरान वे कनॉट प्लेस से होकर गुजरेंगे, तो नई दिल्ली में भारी जाम लग जाएगा। इसके लिए किसान मार्च को तालकटोरा स्टेडियम पर ही खत्म करने का फैसला किया गया और वहां से बसों व अन्य वाहनों से किसानों को रामलीला मैदान तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई।

आपको बता दें कि पुलिस ने करीब 20 हजार किसानों के जुटने की संभावना जताई है, जबकि आयोजकों ने बताया है कि रामलीला मैदान में शुक्रवार की सुबह तक एक लाख किसान जुटेंगे। इस भरी भीड़ के साथ आखिर किसान किस तरह रखेगें अपनी बात और किस तरह होगी ये रैली। देखना ये है कि आखिर क्या किसान अपनी मांगे जो अब तक की पूरी नहीं हुई है इस चुनावी माहौल में उन्हें पूरी करवा पांएगें! क्या दोनो सरकारो के इस दंगल में वो अपना पैर जमा पांएगें!

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