राजस्थान में होने वाले चुनाव अब अपने अंतिम दौर पर है। सभी पार्टियों ने अपने प्रचार प्रसार में कोई कमी नहीं छोड़ी है। स्त्रोतो का कहना है कि इस बार मतदान में कड़ी टक्कर होने के आसार है। भाजपा और कांग्रेस इस बार बराबर की टक्कर देने वाले है। ऐसे में भाजपा ने अपना पूरा दारोमदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिका रखा है। भाजपा को उम्मीद है कि पीएम मोदी का बोलने का अंदाज और सीएम वसुंधरा राजे का जादू एक बार फिर उसे सत्ता में ले आएगा। दूसरी ओर कांग्रेस को भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का सहारा है।
मोदी जहां राहुल गांधी के अपशब्दों और उनके पहले सरकार में होने पर कुछ ना करने की बातों को गिना रहें है वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पार्टी की तारिफ और अपने भाषणों में राफेल, नोटबंदी, विजय माल्या और नीरव मोदी की चर्चा कर रहे हैं, उससे कांग्रेस को सपाॅर्ट मिल सकता है।
जहां बात है भाजपा के बागी घनश्याम तिवाड़ी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल का तो उनका पूरा दारोमदार जातिगत समीकरणों पर टिका है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के कारण ही पार्टी को 163 सीटें मिली थीं, अब मोदी ने जिस तरह से अपने इन 5 सालों में काम किया है उसे देखकर लग रहा है कि एक बार फिर भाजपा की सरकार आएगी।
राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि मोदी सरकार ने ऐसे कई काम किए हैं, जिनका लाभ आम आदमी तक सीधा पहुंचा है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार सभाओं को संबोधित कर भ्रष्टाचार और राफेल के मुद्दे पर जहां मोदी को घेर रहे हैं और वसुंधरा सरकार को किसान विरोधी बताने में जुटे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रत्याशीयों का कहना है कि काग्रेस ने अपनी सरकार में कहा था कि किसानों का कर माफ करेगें। जबकि हमे ऐसा कुछ भी नहीं देखने को मिला था और इस बार फिर से उन्होेंने कहा है कि काग्रेस की सरकार आते ही किसानों का कर माफ कर दिया जाएगा। इसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते है कि कौनसी सरकार क्या करने वाली है और क्या नहीं।