काफी समय से चल रहें चुनाव का प्रचार प्रसार अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। विधानसभा चुनाव प्रचार के इस अभियान के दौरान इस बार हमें देखने को मिल रहा है कि इस बार ना कांग्रेस और ना ही भाजपा के लिए जनता ज्यादा उत्साहित देखी जा रहीं है बल्कि अब तो चुनावी माहौल में तीसरी पार्टी ही चमकती नजर आ रही है। आपको बता दें कि तीसरे मोर्चे के नेता राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल की सभाओं में इतनी भीड़ देखी गई जो कि कांग्रेस और भाजपा की रैलियों और सभाओं से कई ज्यादा है।
सीमावर्ती जिले बाड़मेर में वसुंधरा राजे की दो सभाएं,वहीं हनुमान बेनीवाल की 7 सभाएं एक ही दिन हुईं। वसुंधरा राजे की सभा में ज्यादा सामान्य लोग देखने को मिले वहीं बेनीवाल की सभा में बड़ी संख्या में लोगों की तादात देखने को मिली। बेनीवाल को सुनने और देखने के लिए कई लोग पहुंचे, इसी भीड़ को देखने के बाद ये अदांजा लगाया जा रहा है कि बाड़मेर के इलाके में तीसरी पार्टी भाजपा का खेल बिगाड़ सकती है।
तीसरे दल के विधायक छोड़ सकते है कांग्रेस और भाजपा को पीछे-
जसवंत सिंह और मानवेंद्र सिंह की वजह से राजपूत पहले से ही कांग्रेस की तरफ आ गए है और अब अगर जाट हनुमान बेनीवाल कि ओर चले जाते है तो भाजपा तो यही पर ही लुढ़क जाएगी।
बेनीवाल ने कहा कि वो राजस्थान के किंगमेकर है। बेनीवाल का कहना है कि उनके बिना सरकार नहीं बनेगी क्योकि बड़ी संख्या में लोग इस तीसरी पार्टी के साथ है और बेनीवाल ने जिधर भी रूख किया वो पार्टी आसानी से जीत जाएगी। बेनीवाल की पार्टी 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। एक तरफ जहां भाजपा सरकार कह रहीं है कि बेनीवाल कांग्रेस की बी टीम है। वहीं कांग्रेस ने कहा कि बेनीवाल भाजपा की बी टीम है।
2008 की तर्ज पर सभी निर्दलीय विधायक मंत्री पद पा सकते है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी रैलियों में दलित और गरीब स्वर्णों का गठजोड़ बनाने की कोशिश की। इस बार कांग्रेस और भाजपा का पलड़ा बिल्कुल हल्का है उसे देखते हुए तीसरी पार्टी इस मौके का पूरा फायदा उठाएगीं।