आकाश गौरव, जयपुर। देवी सिंह भाटी इन दोनों राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ दिए गए अपने बयान को लेकर चर्चा में है। भाटी राजस्थान भाजपा के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं और इस बार उनका निशाना बीजेपी के ही दिग्गज नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ रहे। देवी सिंह भाटी ने अपने एक बयान में यह कहा कि राजस्थान में भाजपा की हार का सबसे मुख्य कारण राजेंद्र राठौड़ है। जिसके बाद सियासत में अलग-अलग लोगों ने देवी सिंह भाटी और राजेंद्र राठौड़ के बीच इस गरमाहट को नया तूल दिया। लेकिन इन सबके बीच कुछ तथ्य कहानी और संयोग के किस ऐसे भी हैं जो देवी सिंह भाटी के राजेंद्र राठौड़ के विरोध करने को बेहतर बना देते हैं।
दरअसल देवी सिंह भाटी ने राजनीतिक रूप से जब भी किसी नेता का विरोध किया है तो आगे उन नेताओं को राजनीति में प्रमोशन मिला है। इसके कई उदाहरण है जैसे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरव सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और भी कई नेता।
इसे संयोग कहे लेकिन है यह बड़ी दिलचस्प कहानी। कैसे देवी सिंह भाटी ने जिनका भी विरोध किया उन्हें हमेशा राजनीति में प्रमोशन मिला है।
- एक समय पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के खेमे में रहने के बाद देवी सिंह भाटी ने उनका विरोध किया और फिर भैरव सिंह शेखावत को प्रमोशन मिला वह देश के उपराष्ट्रपति बने।
- जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत का देवी सिंह भाटी ने विरोध किया, उन्हें भी केंद्र में मंत्री पद मिला और अब वह लगातार तीसरी बार केंद्र में मंत्री बने।
- बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल को टिकट मिलने का देवी सिंह भाटी ने विरोध किया और अर्जुन राम मेघवाल को केंद्र में पावरफुल कानून मंत्रालय दिया गया।
- 2002 में जब वसुंधरा राजे भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष बनी तो देवी सिंह भाटी ने उनका विरोध किया लेकिन 2003 में वह राजस्थान की मुख्यमंत्री बनी।
- 2011 में राजस्थान से राज्यसभा के लिए देवी सिंह भाटी ने भूपेंद्र यादव का विरोध किया। बाद में भूपेंद्र यादव पार्टी के महासचिव, तीन राज्यों के प्रभारी, राज्यसभा के सांसद, लोकसभा के सांसद और केंद्र में मंत्रीभी बने।
अब देवी सिंह भाटी जिनका विरोध कर रहे हैं या यूं कहे उनके खिलाफ बयान दिया है उनके प्रमोशन के चांस कम है लेकिन राजनीति में कुछ भी हो सकता है।