देश में राजस्थान समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया संपन्न हुई हैं। जिनमें 3 राज्यों में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज कराई हैं। राजस्थान राज्य की बात करें तो चुनावी नतीजों की घोषणा के 2 दिन बाद भी पार्टी ने अब तक सीएम के चेहरे से पर्दा नहीं उठाया हैं। ऐसे में राजस्थान में सीएम का मुद्दा फिलहाल गर्माया हुआ हैं।
इसी के साथ 15 वीं विधानसभा के लिए हुए चुनावों में एक ओर तस्वीर साफ हो गई है कि जनता जनार्धन ने दलबदलू नेताओं को साफ नकार दिया हैं। जी हां आपको बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनावों में करीब 12 नेता ऐसे नेता थे जिन्होंने पार्टी बदली। लेकिन जनता की आंख के किरकिरी बन गए।
इन 12 में से महज 5 नेताओं को ही जीत हासिल हुई। वहीं 7 नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। इस लिस्ट में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले और भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले नेता शामिल हैं।
इस लिस्ट में ये नाम है शामिल जिन्हें दल बदलने पर भी नहीं मिली जीत
रामकिशोर सैनी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए बांदीकुई से चुनाव लड़ा। हबीर्बुरहमान भाजपा से कांग्रेंस में शामिल हुए नागौर से चुनाव लड़ा। ममता शर्मा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई पीपल्दा से चुनाव लड़ा। मानवेन्द्र सिंह भाजपा से कांग्रेस में शामिल झालरापाटन से चुनाव लड़ा। अशोक शर्मा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए राजाखेड़ा से लड़ा चुनाव लड़ा महेशप्रताप सिंह कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नाथद्दारा से लड़ा चुनाव कन्हैयालाल झंवर निर्दलीय से भाजपा बिकानेरपूर्व से लड़ा चुनाव।
इन्हें मिली जीत
इनके अलावा हरीश मीणा भाजपा से कांग्रेस में आने वाले हरीश मीणा देवली उनियारा से जीते। कांग्रेस से भाजपा में आने वाली कल्पना सिंह लाडपुरा से जीती। निर्दलीय से भाजपा में आए गुरुदीप शाहपीनी सांगरिया से जीते। बसपा से भाजपा में आए अभिषेक महर्षि रतनगढ़ से जीते।