राजस्थान में 15वीं विधानसभा के लिए चुनाव 7 दिसम्बर को एक ही चरण में सम्पन्न हुए. यह मतदान राज्य की कुल 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों पर हुआ जबकि एक सीट पर प्रत्याशी के निधन की वजह से चुनाव स्थगित कर दिया गया है. इस चुनाव का परिणाम 11 दिसम्बर को चार अन्य राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के साथ घोषित किया जाएगा. लेकिन अगर राज्य में अब तक हुए 14 विधानसभा चुनावों की बात करें तो राज्य में अब अब तक नौ बार कांग्रेस ने और चार बार भाजपा ने सरकार बनाई है जबकि एक बार जनता पार्टी की सरकार रही है.
राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव 1952 में हुए थे और उस समय कांग्रेस ने कुल 160 सीटों में से 82 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. इसके बाद कांग्रेस के जयनारायण व्यास मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद 1957 के चुनाव में भी कांग्रेस को 119 सीटों पर जीत मिली थी और मोहनलाल सुखाड़िया मुख्यमंत्री बने जबकि 1962 में कांग्रेस के 88 प्रत्याशियों को जीत मिली थी.
मतदान के बाद इस तरह की जा रही ईवीएम की सुरक्षा
इसके बाद वर्ष 1967 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 184 विधानसभा सीटों में कांग्रेस को 89 सीटें पर ही जीत मिली थी. कांग्रेस के श्री सुखाड़ियां दूसरी बार मुख्यमंत्री बने लेकिन अगले ही दिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था. राष्ट्रपति शासन हटने के बाद 26 अप्रैल 1967 को श्री सुखाड़िया फिर मुख्यमंत्री बने. वर्ष 1972 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 145 सीटें जीतकर भारी बहुमत के साथ राज्य में लगातार पांचवीं बार सरकार बनाई.
वर्ष 1977 में आपातकाल के बाद राज्य में हुए चुनाव में कांग्रेस को पहली बार हार का सामना करना पड़ा और जनता पार्टी ने 150 सीटें जीतकर भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई जो कि राज्य में पहली गैर कांग्रेसी सरकार थी. उस समय भैंरों सिंह शेखावत पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. उस समय कांग्रेस को सिर्फ 41 सीटों पर ही जीत मिली थी.
इसके बाद 1980 में हुए चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस को भारी जीत मिली और कांग्रेस ने 133 सीटें जीतकर सरकार बनाई. वर्ष 1985 में आठवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भी कांग्रेस ने 113 सीटे जीतकर सरकार बनाई। उस दौरान पहले हीरालाल देवपुरा एवं बाद में हरिदेव जोशी मुख्यमंत्री बने। 1990 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार चुनाव में बहुमत हासिल किया और 55 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी जनता दल के साथ गठबंधन करते हुए राज्य में भैंरों सिंह शेखावत के नेतृत्व में दूसरी बार गैर कांग्रेसी सरकार बनाई।
इसके बाद 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बावजूद निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद से लगातार दूसरी बार सरकार बनाई और शेखावत तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। 11वीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 150 सीटें जीतकर भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की और अशोक गहलोत पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव में भाजपा को 33 सीटें ही मिली थी.
इसके बाद 2003 में एक बार फिर भाजपा सरकार में लौटी और उन्होंने 124 सीटें जीतकर तीसरी बार सरकार बनाई. वसुंधरा राजे राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी. 2008 में कांग्रेस ने 96 सीटें जीतकर बसपा के 6 उम्मीदवारों को पार्टी में शामिल किया और राज्य की सत्ता में वापसी की. लेकिन भाजपा ने 2013 के चुनाव में 163 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सरकार बनाई. 7 दिसम्बर को हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब राज्य में किसकी सरकार बनेगी, यह तो 11 दिसम्बर को आने वाले परिणाम से ही पता चलेगा.