आज है विश्व मधुमक्खी दिवस

World Bee Day 2023: मधुमक्खियां परागण ओं की गिनती में आती है जो ना सिर्फ खेती में मदद करती है ,बल्कि प्रकृति के बैलेंस को भी बनाए रखने में सहायक है। मधुमक्खियों और अन्य पर आंकड़ों के पालन पर जोर देने के लिए और इसके महत्व को और अच्छी तरीके से समझने के लिए विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 मई का दिन विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में घोषित किया है। इस दिन मधुमक्खी पालन के अनुसंधान और विकास, क्षेत्र की चुनौतियां, साझेदारी और समाधान पर चर्चा की जाती है

जिस प्रकार हम सभी जानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और अन्य कारणों से पृथ्वी को लगातार नुकसान पहुंचा जा रहा है, जिसमें कहीं ना कहीं मधुमक्खियों का जीवन भी खतरे में आ रहा है। इसलिए इस दिन को मनाने का अपना एक विशेष महत्व है। जिस प्रकार हम सभी जानते हैं कि मधुमक्खियों से हमें उत्पाद के रूप में शहद मिलता है। हालांकि शहद की मांग ज्यादा होने पर व्यापारी नकली शहद का भी उत्पाद करते हैं। ऐसे में हमें असली शहद की पहचान होनी चाहिए।

मधुमक्खी पालन

मधुमक्खी के छत्ते का इस प्रकार से कई जगह पर दिखना यह भी दिखाता है कि मधुमक्खी को इंसानी बस्तियों में पाला भी जा सकता है। पुराने समय में मधुमक्खी के शहद का संग्रह करना आम माना जाता था। मधुमक्खियां फूलों से अमृत को शहद के रूप में परिवर्तन करती है और उन्हें छत्ता में जमा करती है। शहद और इसके उत्पादों के बढ़ते बाजार की संभावनाओं के परिणाम स्वरूप मधुमक्खी पालन एक व्यवसाय उद्योग बन चुका है।

मधुमक्खी पालन के लिए आपको चाहिए एक हाइव, स्मोकर अथवा दुबे करने वाला यंत्र, पंख और माचिस। हाईटेक सावधान लंबा बॉक्स होता है जिसके एक सिरे में फ्लैट्स होती हैं। बॉक्स का मोटा माप लगभग 100 सेंटीमीटर लंबा, 45 सेंटीमीटर चौड़ा, 25 सेंटीमीटर ऊंचा होना चाहिए। प्रवेश छेद के साथ छत्ते को चिपकाया जाता है। मधुमक्खियों को प्रवेश अलग शीश पट्टी के लिए आसानी से मधुकोश बनाने की आवश्यक जगह देने के लिए 3.3 सेंटीमीटर की चौड़ाई देनी आवश्यकता है।

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की आवश्यक

मधुमक्खी पालन में कम समय की आवश्यकता कम धन और बुनियादी ढांचे के निवेश की आवश्यकता होती है। कम कृषि मूल्य वाले क्षेत्र में मधुमक्खी पालन द्वारा शहद का उत्पादन करना एक सफल परीक्षण कहलाता है। और आमदनी का अच्छा स्रोत भी साबित हो सकता है।

मधुमक्खी पालन के सकारात्मक परिस्थितिक परिणाम होते हैं जिस कारण मधुमक्खी पालन करना आसान होता है। मधुमक्खियां कई फूलों वाले पौधों के परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस प्रकार सूरजमुखी और विभिन्न फलों जैसे कुछ फसलों की उपज में भी वृद्धि होती है। जिस प्रकार हम सभी जानते हैं कि शहर एक स्वादिष्ट और अत्यधिक पौष्टिक भोजन है। शहद के शिकार की पारंपरिक विधि से मधुमक्खियों की कई जंगली कॉलोनियां नष्ट हो जाती हैं। मधुमक्खियों को बक्सों में पालने और घर में शहद पैदा करने से रोका जा सकता है। मधुमक्खी पालन व्यक्तियों या समूह द्वारा शुरू किया जा सकता है।

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लेखक परिचय

Ankit Tiwari
Ankit Tiwarihttp://rajasthanchowk.com/
वर्ष 2003 से पत्रकारिता में। बिजनेस रिपोर्टिंग, उपभोक्ता अधिकारो, आम आदमी से जुड़े पहलुओं, उद्योग, ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, टैक्स, ऊर्जा, बैंकिंग और कृषि सेक्‍टर पर विशेष पकड़।बिजनेस सेमीनार, बड़े आयोजनों सहित बहुजनहिताय के मुद्दों पर रिपोर्टिंग।
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