चर्चा में टोंक विधानसभा सीट, अब तक कौन रहा है किस पर भारी?

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को टोंक विधानसभा से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद टोंक चर्चा का विषय बना हुआ है. इस सीट से कांग्रेस द्वारा पायलट के नाम की घोषणा होने के बाद भाजपा ने भी विधायक अजीत सिंह मेहता का टिकट काट वसुंधरा के करीबी युनुस खान को उतारा है. अब तक हुए 14 आम चुनाव में यहाँ से कांग्रेस को 6 चुनाव में जीत मिली है जबकि भाजपा यहां से 5, स्वतंत्र पार्टी, बीजेएस, जेएनपी एक-एक बार चुनाव जीतने में सफल रही है।

चुनाव एक, प्रत्याशी दो चुने गए 

1952 और 1957 के आम चुनाव में इस सीट से दो प्रत्याशी चुने गए थे जिसमें एक जनरल एवं एससी उम्मीदवार था। 1952 के चुनाव में कांग्रेस के लालूराम को 10700 मत, बहादूर मल एसपी को 7558 वोट मिले थे। इसी तरह  कांग्रेस के रामरतन को 12068, एसपी के मोहन को 7840 मत मिले। 1957 के आम चुनाव में कांग्रेस के लालूराम को 15186, पीएसपी के मोहम्मद अली को 8289 वोट मिले थे। इसी प्रकार कांग्रेस के नारायण सिंह को 19141 मत, रामदयाल निर्दलीय को 14126 वोट मिले थे। 1952 के आम चुनाव में जीत हासिल कर लालूराम व रामरतन विधायक बने थे, वहीं 1957 में कांग्रेस के लालूराम व नारायण सिंह विधायक बने थे।

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स्वतंत्र पार्टी जीती 

विधानसभा चुनाव में जिले में स्वतंत्र पार्टी की लहर हावी रही। 1962 में स्वतंत्र पार्टी के राधाकिशन को 17832 वोट मिले थे वहीँ कांग्रेस के भंवरलाल को 7800 वोट हासिल हो सके। लेकिन 1967 में स्वतंत्र पार्टी की उलटी गिनती शुरू हो गई. टोंक विधानसभा से कांग्रेस के डी. व्यास को 17662 वोट मिले, स्वतंत्र पार्टी के आर.किशन को 13968 वोट प्राप्त हुए। 1970 उपचुनाव में एनसीजे के एस. प्रसाद को 24636 वोट मिले वहीं निर्दलीय एम.आर. बैग को 14278 वोट मिले थे।

1972 के चुनाव में बीजेएस विजयी 

1972 के आम चुनाव में बीजेएस के अजीत सिंह को 12508 वोट मिले, कांग्रेस के निजामुद्दीन को 12260 वोट प्राप्त हुए। 1977 के आम चुनाव में भी जेएनपी के अजीत सिंह को 23669 वोट मिले, कांग्रेस के अल्ताफ हुसैन को 14928 वोट मिले।

भाजपा-कांग्रेस में हुई टक्कर 

1980 के बाद से,  2013 के चुनाव को छोड़कर टोंक विधानसभा में कांग्रेस, भाजपा के बीच ही टक्कर हुई। 1980 में भाजपा के महावीर प्रसाद जैन को 24294 वोट मिले, कांग्रेस के अल्ताफ हुसैन को 23949 वोट मिले थे।

1985 में पहली महिला प्रत्याशी जकिया ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा, जकिया को 25277 वोट मिले, भाजपा के महावीर प्रसाद जैन को 22300 वोट प्राप्त हुए। 1990 में भाजपा के महावीर प्रसाद जैन को 36356, कांग्रेस की जकिया को 21073 वोट हांसिल हुए। 1993 के आम चुनाव में भाजपा के महावीर प्रसाद जैन लगातार दूसरी बार विजयी रहे, जैन को 36353 वोट मिले, कांग्रेस के आरिफ जुबैरी को 26340 वोट मिले। इस चुनाव में जनता दल के पवन कुमार ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया। 1998 के चुनाव में जकिया को 49180, भाजपा के महावीर प्रसाद जैन को 36781 वोट मिले। 2003 के चुनाव में महावीर प्रसाद जैन को 38304 मत मिले, जकिया को 37297 वोट मिले। 2008 में जकिया को 48452 वोट, भाजपा के महावीर प्रसाद जैन को 37916 वोट प्राप्त हुए।

2013 में कांग्रेस को झटका 

इस सीट पर 2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी झटका लगा था। इस चुनाव में जहाँ भाजपा को मोदी लहर एवं स्थानीय प्रत्याशी होने का लाभ मिला वहीं कांग्रेस की जकिया तीसरे नंबर पर रही थी और उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी। उस समय भारी बगावत को  कांग्रेस की हार का बड़ा कारण माना गया। राजनैतिक जानकारों का कहना है कि इस सीट पर जब-जब कांग्रेस में बगावत हुई है उन्हें यहाँ से हार का सामना करना पड़ा है।

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लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
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शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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