चौक टीम, जयपुर। राजस्थान के पूर्व सीएम और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता अशोक गहलोत का फिर से बड़ा बयान सामने आया है। अशोक गहलोत के इस बयान के साथ ही राजस्थान में फिर से सियासी चर्चाएं तेज हो गई। इस बार अशोक गहलोत ने उन नेताओं को टारगेट में लिया है जो अवसरवादी हैं। वहीं गहलोत के इस बयान के बाद भाजपा के कद्दावर नेता राजेन्द्र राठौड़ ने करारा प्रहार करते हुए कहा कि कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना।
दरअसल, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले नेताओं को नॉन परफॉर्मिंग एसेट कहने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इशारों-इशारों में ‘अपनों’ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़कर जाने वाले लोग अवसरवादी, नकारा, निकम्मे, गद्दार और पीठ में छुरा घोंपने वाले होते हैं। हालांकि, कई गद्दार और अवसरवादी लोग भी पार्टी में रहते हैं।
अशोक गहलोत ने क्या कहा?
बता दें प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि. “पार्टी छोड़कर गए लोग नॉन परफॉर्मिंग एसेट हैं। नकारा, निकम्मे, गद्दार और पीठ में छुरा घोंपने वाले वाले हैं। ये सभी शब्द आपस में भाई-बहन हैं। हालांकि, कई अवसरवादी और गद्दार लोग पार्टी में रहते हैं। उन्होंने युवा नेताओं को संबोधित कर यह भी कहा कि आने वाला समय आपका है, इसलिए युवाओं को पार्टी के लिए एसेट बनना चाहिए, लाइबिलिटी नहीं। अभी आपके पास समय है, मेहनत करने का, जमकर मेहनत करो। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने कई युवाओं को मंत्री तक बनाया, लेकिन फिर भी जब पार्टी को उनकी जरूरत थी। वे पार्टी छोड़कर चले गए।
‘मैंने कभी पार्टी प्रत्याशी को हराने का काम नहीं किया‘
अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी पार्टी के प्रत्याशी को हराने का प्रयास नहीं किया। भले ही वह कैसे भी टिकट लेकर आया हो, लेकिन पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा कोई भी प्रत्याशी जीतेगा तो वह राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के खाते में जाएगा। कांग्रेस के खाते में जाएगा। उन्होंने कभी पार्टी प्रत्याशी को हराने का काम नहीं किया। हालांकि, कई लोग ऐसा करते हैं।
राजेन्द्र राठौड़ ने दिया करारा जवाब
अशोक गहलोत के इस बयान के बाद राजेन्द्र राठौड़ ने अपने X हैंडल पर लिखा कि, “कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना! अशोक गहलोत साहब, आप जिन नेताओं के खिलाफ लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वो कभी कांग्रेस पार्टी में सबसे ज्यादा आपके ही करीबी हुआ करते थे। तत्समय उनकी पॉलिटिकल परफॉर्मेंस भी आपको खूब भाती थी।
अब आप कांग्रेस की देश विरोधी विचारधारा को त्यागकर देशहित में भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के लिए अपनी डिक्शनरी में से नकारा, निकम्मा, गद्दार, पीठ में छुरा घोंपने वाला जैसे शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। पूर्व में पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष व विगत कांग्रेस सरकार में उप-मुख्यमंत्री को भी आपने इन्हीं शब्दों से अलंकृत किया था। जिसका ही नतीजा रहा कि कांग्रेस सरकार 5 साल सत्ता में रहने के दौरान सिर्फ किस्सा कुर्सी के खेल में लगी रही।
मैं पुनः दोहरा रहा हूं- सबसे बड़े “नॉन परफॉर्मिंग असेट” और लाइबिलिटी कांग्रेस के युवराज ही है। जिस पर 4 जून को चुनाव परिणाम के बाद मुहर भी लग जायेगी।”