राजनीति में इन दिनों युवाओं की भागीदारी काफी बढ़ गई है। जहाँ पहले बहुत कम युवा राजनीति में रूचि दिखाते थे वहीं इन दिनों इस क्षेत्र में युवाओं की सक्रियता बढ़ती जा रही है। शायद यही कारण है कि राजनीतिक पार्टियां भी इन दिनों चुनावों में टिकट वितरण के समय युवाओं को तवज्जो देने लगी है। भारत में कई ऐसे युवा नेता है जो कि व्यवसाय भी कर रहे है लेकिन उनमें से अधिकतर पहले से ही स्थापित परिवारों से है।
लेकिन वाजिब अली एक ऐसा युवा नेता है जो कि इन सबसे अलग है। भारत में अपनी पढाई पूरी करने के बाद वह उच्च शिक्षा के लिए विदेश चला गया था। वहां से लौटने के बाद न केवल उसने अपने व्यवसाय स्थापित किये बल्कि राजनीति में भी अच्छा नाम कमाया है। वाजिब अली हाल ही में ही हुए राजस्थान विद्यानसभा चुनाव में भरतपुर के नगर विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित विधायक है।
36 वर्षीय वाजिब अली ने 2013 में भारत आने के बाद राजनीति में प्रवेश किया लेकिन उस साल उन्हें चुनाव में हार मिली थी लेकिन अगले पांच सालों में उन्होनें मजबूती से वापसी की और इस बार चुनाव में सपा के के नेम सिंह को 25 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया।
जब मंच पर आमने- सामने हुए बुआ-भतीजा
वाजिब अली का जन्म नगर में ही हुआ और राजस्थान में अपनी पढाई पूरी करने के बाद वे उच्च शिक्षा के लिए 2005 में ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। वहां अपनी पढाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपना पारिवारिक व्यवसाय संभाला और वर्तमान में वे ऑस्ट्रेलिया में आठ कॉलेज और एक स्कूल चला रहे है।
चुनाव जीतने के बाद अपनी योजनाओं के बारे में बात करते हुए वाजिब ने कहा कि वे अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन को अलग बनाना चाहते है और इसके लिए सबसे पहले वे शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र पर काम करना चाहते है।