चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में जलदाय मंत्री के बयान पर सियासी विवाद शुरू हो गया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट करके जलदाय मंत्री के बयान पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री को उनका विभाग बदलने तक की सलाह दे दी। अब जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि ल प्रबंधन को लेकर हमारी सरकार बेहद गंभीर है आपके द्वारा जल महकमे का जो सत्यानाश किया गया था उसे सुधारने में तो हम अनवरत कार्यरत हैं।
मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने अशोक गहलोत को दिया जवाब
अशोक गहलोत साहब जनता सब जानती है आप परेशान क्यों हैं? आपको चिंता है कि कहीं लोकसभा चुनाव में आपके पुत्र की हार के बाद आपकी राजनीति सिमट न जाए। तो बयानों पर बयान देकर अपने आप को चर्चाओं में रखना चाहते हैं। दूसरी आपको यह भी चिंता है कि कहीं जल जीवन मिशन में आपकी सरकार में जो भ्रष्टाचार हुआ उसकी अब और ज्यादा पोल न खुले। क्योंकि आपकी सरकार के पेयजल (JJM) भ्रष्टाचार के एक के बाद एक मामले जो उजागर हो रहे हैं। और हां आपकी सरकार के दौरान जिन कमाऊ ठेकेदारों को आप गोद मे खिला रहे थे उनकी पोल भाजपा सरकार में खुल रही है और उनके खिलाफ कार्यवाही भी जारी है।
उन्होंने आगे कहा कि, जल प्रबंधन को लेकर हमारी सरकार बेहद गंभीर है आपके द्वारा जल महकमे का जो सत्यानाश किया गया था उसे सुधारने में तो हम अनवरत कार्यरत हैं ही, साथ ही प्रदेश परिवार के लिए पेयजल की व्यवस्था करने में हम जी जान से जुटे हुए हैं। और हां बालाजी महाराज के जल्दी ही सुंदरकांड के पाठ भी करवाऊंगा। जिससे कि बालाजी महाराज प्रसन्न हो और राजस्थान में जमकर बारिश भी हो। बालाजी महाराज पर विश्वास है कि आपको भी सद्बुद्धि देंगे। किसान का बेटा और BJP कार्यकर्ता हूँ “नकारा निकम्मा और गद्दार” कहकर काम नहीं चलाता बल्कि मेहनत के साथ बालाजी महाराज को याद रखता
पेयजल मंत्री के बयान पर पूर्व सीएम अशोक का पलटवार
बता दें इससे पहले पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी पर निशाना साधाते हुए अपने एक्स हैंडल पर लिखा था कि, राजस्थान सरकार के पेयजल मंत्री का बयान बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं पानी की किल्लत से परेशान जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाला है। एक मंत्री द्वारा ऐसी भाषा इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता।
राजस्थान में जल संकट हर गर्मियों में आता है परन्तु पहले से प्लानिंग कर इसे आसानी से हल किया जा सकता है। छह महीने से सरकार में होने के बावजूद कोई योजना नहीं बनाई गई इसलिए ऐसी परिस्थिति बनी एवं अब पेयजल मंत्री गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। यदि पेयजल मंत्री इस परिस्थिति में जनता को राहत पहुंचाने की क्षमता नहीं रखते तो उन्हें मुख्यमंत्री जी से अपने विभाग में बदलाव करने का निवेदन कर किसी जिम्मेदार व्यक्ति को काम करने देना चाहिए।
पेयजल और बिजली संकट में राज्य सरकार, PHED विभाग, बिजली विभाग, जिला प्रशासन, नगरीय एवं पंचायतीराज निकाय सभी की जिम्मेदारी थी कि पहले से योजना बनाई जाती एवं आकस्मिक परिस्थितियों से भी निपटने की तैयारी की जाती। ऐसा समय पर नहीं किया गया इसलिए जनता त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही है पर सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री जी को पेयजल एवं बिजली संकट पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर चर्चा करनी चाहिए एवं इसका हल निकाला जाना चाहिए।
कल जलदाय मंत्री ने दिया था ये बयान
बता दें हाल ही में जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा था- मैं फूंक मारकर, बालाजी बनकर पानी ला दूं, यह संभव नहीं है। भगवान से प्रार्थन करों। समय से पहले बारिश आ जाए। जहां-जहां पानी की डिमांड आएगी। वहां जरूरत के अनुसार पानी सप्लाई किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पेयजल समस्या की जो शिकायतें आई हैं, उनमें से कई शिकायतों का निस्तारण किया गया है, लेकिन शत प्रतिशत निस्तारण कोई नहीं कर सकता है।