राजस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा पर क्यों उठ रहे हैं सवाल? गोविंद सिंह डोटासरा ने लगाए बड़े आरोप; जानें पूरा मामला

राजस्थान में एक बार फिर से परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आने लगी है। इस बार सीकर स्थित शेखावटी विश्वविद्यालय में भर्ती परीक्षा धांधली का शिकार हो गयी है।

चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर से परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आने लगी है। इस बार सीकर स्थित शेखावटी विश्वविद्यालय में भर्ती परीक्षा धांधली का शिकार हो गयी है। विपक्ष के बड़े नेताओं ने धांधली का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि शेखावाटी यूनिवर्सिटी की भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की ख़बर युवाओं के सपनों के साथ धोखा है।

गोविंद सिंह डोटासरा ने परीक्षा पर उठाए सवाल

दरअसल, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने राजस्थान चौक के एक ट्वीट का स्क्रीन शॉट लगाते हुए कहा कि, हम बार-बार कह रहे हैं कि भाजपा ने विश्वविद्यालयों में अपने चहेतों की नौकरी लगाने और भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिया है। शेखावाटी यूनिवर्सिटी की भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की ख़बर युवाओं के सपनों के साथ धोखा है। भाजपा के सत्ता में आते ही पहले शेखावाटी यूनिवर्सिटी में कैमिस्ट्री का पेपर लीक, अलवर में NCC का पेपर लीक, प्रदेश में कई जगह नीट में चीट और अब शेखावाटी यूनिवर्सिटी में एक बार फिर पेपर लीक के फर्जीवाड़े से युवाओं का भविष्य अंधकारमय बन गया है। हालांकि मामले पर वीसी प्रो अनिल राय ने कहा कि भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप को पूरी तरह बेबुनियाद है। वीसी ने कहा कि भर्ती परीक्षा में पूरी सतर्कता बरती जा रही है। कोई खामी नहीं है।

टीकाराम जूली ने लगाया ये आरोप

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश में युवाओ के सपने चूर चूर करने में लगी भाजपा सरकार ने शेखावाटी विश्वविद्यालय की भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की ख़बर के साथ युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया है। पूर्व से इस परीक्षा परसंदेह व्यक्त किया गया था, लेकिन सरकार और उनके नुमाइंदे एवम् जिम्मेदार मौन रहे।

अब ख़ुद आरएसएस के स्वयंसेवक एवं ABVP के पूर्व जिला संयोजक डॉ. सज्जन कुमार सैनी खुद थे परीक्षार्थी, उन्होंने खुद ने परीक्षा सेंटर पर अनियमितताओं, सील खुला पेपर मिलने एवं पेपर चोरी में कुलपति संलिप्तता का आरोप लगाया है। पूरी भर्ती प्रक्रिया पहले से ही रही है, संदेहास्पद है। मैं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से निवेदन करता हूँ कि आप मामले में संज्ञान ले एवं युवाओ के साथ न्याय करे।

टीकाराम जूली ने पहले जताया था संदेह

बता दें इससे पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा था कि मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा बीजेपी नेता के निजी महाविद्यालय में कराई जा रही है। पूरी प्रक्रिया पर संदेह जताते हुए उन्होंने कहा कि चहेतों को नौकरी लगाने का खेल शुरू हो गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सारी कारगुजारी वीसी की देखरेख में हो रही है. उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ जांच की मांग की है। आगे आंदोलन भी किया जा सकता है। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाये। राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी भर्ती परीक्षा में धांधली का मुद्दा उठायाष उन्होंने कहा कि, ‘क्या कुलपति विश्वविद्यालय में सरकार के हस्तक्षेप का विरोध कर रहे हैं? क्या कुलसचिव और वित्त नियंत्रक पर आपत्ति की वजह यही भ्रष्टाचार है?

उन्होंने कहा कि सरकार से मिलनेवाले अनुदान में भ्रष्टाचार का खेल बिना रोक-टोक के खेल सकें? एलडीसी, असिस्टेंट प्रोफेसर कॉमर्स, असिस्टेंट प्रोफेसर जियोग्राफी, असिस्टेंट प्रोफेसर इंग्लिश, असिस्टेंट प्रोफेसर मैथमेटिक्स, असिस्टेंट प्रोफेसर लीगल स्टडीज, असिस्टेंट लाइब्रेरियन, कंट्रोलर ऑफ़ एग्जामिनेशन, डिप्टी रजिस्ट्रार और असिस्टेंट रजिस्ट्रार पद भर्ती परीक्षा हो रही है। भर्ती परीक्षा शुरू होने से पहले आशंकाएं खड़ी की जा रही थीं. अब राजस्थान में विपक्ष ने धांधली को मुद्दा बना दिया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शुरू में भर्ती प्रक्रिया की जांच की मांग की गयी है। मांग पूरी नहीं होने पर आने वाले दिनों में आंदोलन भी किया जा सकता है।

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
Dr Sharad Purohithttps://x.com/DrSharadPurohit
शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
--advt--spot_img