राजस्थान में आखिर क्यों हार गई बीजेपी?

राजस्थान में विधानसभाचुनाव 2018 का रिजल्ट घोषित हो चुका हैं। इसी के साथ  राजस्थान में आने वाले 5 साल कौन सी राजनीति पार्टी राज करेगी इसका भी खुलासा हो चुका है। बता दें कि कांग्रेस ने साल 2018 केविधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की है। देश के 5 राज्यों में विधानसभा हुए हैं। जिनमें 3 राज्यों छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश और राजस्थान में पुर्ण बहुमत से कांग्रेस सरकार बनाएगी।

कांग्रेस ने राजस्थान में अपनी जीत के साथ काफी जश्न मनाया। हालांकि बीजेपी का पलड़ा काफी नीचे नजर आ रहा था लेकिन फिर भी बीजेपी ने बराबर की टक्कर दी। वसुंधरा राजे की लीडरशिप को राज्य के वोटरों ने नकार दिया है।

लोगों का कहना है कि चाहे से केन्द्र में भाजपा की सरकार हो लेकिन राज्य में कांग्रेस ही होनी चाहिए क्योकि वे वसुंधरा को फिर से सत्ता में नहीं लाना चाहते। कांग्रेस जहां 99 सीटों पर अपनी पकड़ बनाने में मजबूत रही वहीं बीजेपी 73  सीटों परसिमट कर रह गई। 22 सीटों पर अन्य उम्मीदवार हैं।

आपको बता दें कि अगर इन सारे उम्मीदवारों का समर्थन भी बीजेपी को मिलता तो भी वह अपनी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी। हांलाकी झालरापाटन जहां से राजे ने चुनाव लड़ा वो उनके पक्ष में ही था। 

राजस्थान में बीजेपी को 2008 में 78 सीटें मिली थीं लेकिन 2013 में इसने दोगुने से भी ज्यादा 163 सीटें जीती। 2013 में बीजेपी को राजस्थान में 45.17 फीसदी वोट मिले थे, वहीं जिस कांग्रेस को 2013 में सिर्फ 21 सीटें मिली थीं वह अब 102 सीटों पर आगे थी।

बीजेपी की हार की वजह ये भी बताया जा रहा है कि राजस्थान में कोई भी पार्टी लगातार दोबार सरकार बनाने में कामयाब नहीं रही है। पिछली बार बनी बीजेपी की सरकार को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा था। लोगों का ये भी कहना है कि वंसुधरा की लोकप्रियता लगातार कम हुई है। किसानों के अंसतोष का भी बीजेपी के प्रदर्शन पर असरपड़ा। 

कांग्रेस की बढ़त को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो ये तक कह दिया कि कांग्रेस की जीत के पीछे पूरा श्रेय राहुल गांधी की मेहनत को जाता हैै। इसी तरह इस बार बीजेपी के नहीं आने के पीछे और भी क ईकारण है जिसके पीछे खास तौर पर जनता ही है। 

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