राजस्थान की 200 सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हो चुका है। अब 11 दिंसबर को इसका रिजल्ट आ जाएगा। इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच बराबर का मुकाबला है। पिछली बार की तरह इस बार मोदी लहर कही भी नजर नहीं आ रही है। इसलिए भी इस बार दोनो एक ही पायदान पर नजर आ रहे है। राजस्थान में पांच बजे तक 72.7 फीसद मतदान हो चुका था। 1993 से अब तक हुए हुए पांच विधानसभा चुनावों में इन दोनों पार्टियों के बीच सत्ता की अदला-बदली हुई है। आइयें डाले राजस्थान विधानसभा चुनावों से जुड़ी खबरों पर एक नजर-
– आपको बता दें कि 1952 से अब तक राजस्थान विधानसभा के 14 चुनाव हो चुके हैं। जिनमें से 9 बार कांग्रेस और 4 बार भाजपा सत्ता में आ चुकी है। इसके अलावा एक बार जनता पार्टी की सत्ता रहीं।
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– 1972 में कांग्रेस का एकतरफा दबदबा रहा। 1977 में जनता पार्टी ने 200 में से 151 सीटें जीत कर सरकार बनाई।
– 1980 और 1985) कांग्रेस सत्ता में रही। भाजपा को पहली कामयाबी 1990 में मिली। तब पार्टी को 85 सीटें मिली थीं। शेखावत फिर सीएम बने।
– 1993 में प्रदेश की दसवीं विधानसभा के लिए चुनाव हुए और इसमें भाजपा फिर सत्ता में लौटी। राजस्थान के इतिहास भाजपा लगातार दो बार सत्ता में रही।
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– भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता की अदला-बदली चलना उसके बाद से ही जारी रहा है। 1998 में कांग्रेस ने धमाकेदार प्रदर्शन किया और 200 में से 153 सीटों जीत दर्ज की। इस समय अशोक गहलोत सीएम बने।
– 2003 विधानसभा चुनाव में गहलोत से 120 सीटों से जीतकर भाजपा सत्ता में लौटी, वसुंधरा राजे सीएम बनीं।
– 2008 में भी वसुंधरा सीएम बनी।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने इस बार बड़ी चुनौती है कि वो 20 साल से चली आ रही परंपरा को किस तरह तोड़ती है। क्योकि राजस्थान में लगातार दो बार किसी पार्टी की सरकार नहीं बनी है और अगर इस बार ऐसा होता है तो ये एक बड़ा परिवर्तन होगा जो कि सभी को प्रभावित करेगा। देखना ये है कि इस बार की जीत में कौन अपने पैरो को जमा सकता है।