दिनेश, पाली। महाराष्ट्र के पुणे जिले में राजस्थान के पाली के एक परिवार की रक्षाबंधन की खुशियां मातम में बदली गई. जिले के चिखली इलाके के पूर्णानगर में बुधवार अल सुबह एक हार्डवेयर की दुकान में भीषण आग लग गई. आग की लपटें दुकान के ऊपर बने कमरे तक फैल गई. आगजनी में कमरे में सो रहे एक ही परिवार चार सदस्यों की मौत हो गई. फिलहाल आग लगने के कारण का पता नहीं चला है.
जानकारी के मुताबिक मौत की खबर लगते ही पाली में उनके भाई के घर रिश्तेदारों और पड़ोसियों का आना शुरू हो गया. पुणे के सीरवी समाज के कासरवाड़ी वेडर के अध्यक्ष चंदाराम सीरवी ने बताया कि चारों बॉडी बुरी तरह जल गई. ऐसे में उन्हें पाली ले जाने जैसे स्थिति नहीं है. पुणे में ही अंतिम संस्कार किया जा रहा है.
परिवार कई वर्षों से पुणे में रह रहा था
जानकारी के अनुसार रोहट थाना क्षेत्र के केरला गांव निवासी चिमनाराम पुत्र वेनाराम सीरवी, उसकी पत्नि नम्रता एवं पुत्र भावेश और सचिन पिछले कई वर्षों से पुणे में रह रहे थे. चिमनाराम के हार्डवेयर व इलेक्ट्रोनिक की दुकान करते थे. चिमनाराम और उनका पूरा परिवार दुकान के ऊपर ही मकान में रहता था. उस कमरे में चारों सो रहे थे. आगजनी में चारों की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं मौके पर मौजूद अग्निशमन अधिकारियों ने बताया कि सूचना पर दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंची और मशक्कत के बाद आग को बुझाया गया. प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि शॉर्ट-सर्किट से आग लगी होगी.
पुणे में ही होगा अंतिम संस्कार
पाली जिले के केरला (रोहट) में मृतक चिमनाराम चौधरी के बड़े भाई वालाराम सीरवी रहते है. घटना की जानकारी पर पूरा परिवार शोक में डूब गया. बताया जा रहा है कि आग में चारों के शव पूरी तरह से जल गए, जिन्हें केरला गांव लाने की स्थिति में नहीं होने के कारण वहां ही अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं ये भी बताया जा रहा है कि पाली में भाई के घर आज शोक सभा रखी गई है. इसके अलावा परिवार के कुछ सदस्य पाली से पुणे के लिए रवाना हो गए है.
घटना की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर
मृतक के बड़े भाई वालाराम सीरवी ने बताया कि, साल 2005 से चिमनाराम परिवार के साथ पुणे में रह रहा था. गांव में उसका मकान भी है. पारिवारिक काम होने पर वह परिवार सहित गांव आता-जाता रहता था. उन्होंने बताया कि भाई का परिवार घूमने गया हुआ था और मंगलवार रात को ही वापस घर लौटा था. सुबह ही ये हादसा हो गया. वहीं घटना की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.