जयपुर स्थित पशु अधिकार कार्यकर्ता मरियम अबुहैदरी, जो पशु अधिकारों की लड़ाई में अग्रणी आवाज है, राजस्थान में जानवरों की रक्षा और समर्थन के लिए एक क्रांतिकारी अभियान शुरू करके एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू कर रही है। अपने जन्मदिन पर, मरियम राजस्थान के निवासियों से आह्वान कर रही हैं कि वे 1 जून से 7 जून के बीच संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखें, जिसका उद्देश्य राज्य भर में जानवरों के जीवन में गहरा बदलाव लाना हो। पशु कल्याण के संबंध में देश के प्रसिद्ध व्यक्तियों, पशु अधिकार कार्यकताओं जिनमे मेनका गांधी भी शामिल हैं, की उपस्थिति में एक लाइव सेशन आयोजित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत पत्र लेखन स्टेशन जयपुर शहर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए गए हैं । इच्छुक व्यक्ति अपने घर से या इन स्टेशन पर आ कर अपने पत्र लिख सकते हैं ।
पशु अधिकार के लिए संघर्ष
राजस्थान के पशुओं के लिए दहाड़: एकजुट, लिखो, और परिवर्तन की मशाल जलाओ” शीर्षक वाले इस अभियान का उद्देश्य सरकार और विभिन्न स्थानीय प्राधिकरणों से मजबूत पशु कल्याण उपायों की मांग करने के लिए राजस्थान के दयालु नागरिकों की सामूहिक शक्ति को जुटाना है। पहल जागरूकता बढ़ाने, मौजूदा कानूनों को लागू करने और राज्य के हर कोने में जानवरों के कल्याण और अधिकारों की रक्षा करने वाली नई पहलों को लागू करने की कोशिश करती है।
पूरा राजस्थान पशुओं के लिए एक
अभियान के विषय में बात करते हुए मरियम उत्साह से बताती हैं कि इस बार अपने जन्म दिन पर मैं मूक जीवों के लिए एनिमल शेल्टर जा आने से अलग कुछ विशेष ही करना चाह रही थी और एक पशु कल्याण कार्यकर्ता होने के नाते मुझे ये अभियान चलाने का विचार आया। मेरे तीन वर्ष के जयपुर प्रवास में ऐसा पहली बार हो रहा है की पूरा राजस्थान पशुओं के लिए एक हो रहा है। मैं ऐसे अनेकों पशु प्रेमियों से मिली हूं जिनमे परिवर्तन लाने की क्षमता है परंतु वो अलग थलग पड़ जाने के कारण असफल हो जाते हैं। ई मेल्स को भी नजरंदाज कर दिया जाता है। रजिस्टर्ड पत्र या स्पीड पोस्ट द्वारा भेजे गए पत्र फिर भी काफी हद तक प्रभावशाली होते हैं ।अधिकारगण जब इस प्रकार के अनेकों पत्र प्राप्त करते हैं तो उन्हें पशुप्रेमियों की असीमित संख्या का एहसास होता है जिन्हे वो अब तक अनदेखा करते आए हैं ।
लिखें एक पत्र
अभियान प्रत्येक नागरिक को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है भले ही वो पशु कल्याण या पशु स्वास्थ्य से न जुड़ा हो या पालतू पशु मालिक ना हो। निवासियों से प्रमुख अधिकारियों को हार्दिक पत्र लिखने का आग्रह किया जाता है, जिनमें कलेक्टर, पशुपालन सचिव, स्थानीय स्वशासन के सचिव, नगर निगम के आयुक्त, मुख्यमंत्री, पुलिस आयुक्त, पशुपालन मंत्री आदि शामिल हैं। प्रत्येक पत्र उस महत्वपूर्ण प्रभाव पर जोर देगा जो वे अपनी भूमिकाओं के माध्यम से बना सकते हैं।
जानवरों के खिलाफ क्रूरता बढ़ी
भागीदारी की सुविधा के लिए, एक समर्पित ऑनलाइन फॉर्म तैयार किया गया है जहां निवासी अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं और अपने पत्रों में क्या और कैसे लिखा जाए, इस पर विस्तृत दिशा-निर्देश प्राप्त कर सकते हैं। फॉर्म को [लिंक: https://forms.gle/u4nJFWkB6CpDEpda9] पर एक्सेस किया जा सकता है। राज्य भर के विभिन्न कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन कम से कम 15 मामले दर्ज किए जाने के साथ जानवरों के खिलाफ क्रूरता बढ़ रही है।
अभियान के प्राथमिक उद्देश्यों में शामिल हैं
- जानवरों के खिलाफ अपराधों को प्रभावी ढंग से संभालने और हल करने के लिए प्रत्येक जिले में कम से कम एक समर्पित पुलिस स्टेशन की स्थापना करना।
- पालतू पशु व्यापार में नैतिक प्रथाओं को सुनिश्चित करने और शोषण को रोकने के लिए प्रजनन उद्योग को विनियमित करना।l
- सामुदायिक पशुओं के आहार और रखरखाव पर आवासीय पड़ोस में जागरूकता अभियानों के माध्यम से करुणा और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना।
- आवारा पशुओं की आबादी के मुद्दे को हल करने के लिए हर जिले में एक मानवीय पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम लागू करना।
- पशु अवशेषों के उचित निस्तारण के लिए हर जिले में श्मशान घाट और आइस बॉक्स/कमरे बनाने की मांग करना।
- पशु चिकित्सा लापरवाही और कदाचार के मामलों को संबोधित करने के लिए एक शिकायत समिति की स्थापना करना।
- पशु कल्याण कानूनों और प्रोटोकॉल पर पुलिस को व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करना।
- सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स और स्टेट एनिमल वेलफेयर बोर्ड जैसे संगठनों की भूमिकाओं और कार्यों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना।
- पशु क्रूरता के मामलों में फास्ट-ट्रैक सुनवाई और निर्णय के लिए प्रोटोकॉल स्थापित करना।