करौली। बाल हितेषी पंचायत बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय में बाल संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण करना है। बाल पंचायत में जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने कहा की रोटी, कपड़ा, मकान, बिजली, पानी, सड़क सभी की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। बाल संवाद में बच्चों ने अपने सपने पेंटिंग के माध्यम से उकेरे हैं। वह बहुत ही सराहनीय है।
बच्चों ने पेंटिंग्स के जरिए उकेरे सपने
उन्होंने कहा कि बच्चों ने आदर्श गांव बनाने के लिए पेंटिंग बनाई है। बच्चों के विचारों को ग्राम पंचायत में होने वाली ग्राम सभा में रखा जाना चाहिए। बच्चों की सोच के आधार पर ग्राम पंचायत को अपने प्लान बनाने चाहिए। बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए ग्राम पंचायतों को भी काम करना चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को अगर सही मार्गदर्शन मिलेगा तो बच्चों के सपने उन्हें हासिल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत में लाइब्रेरी, फिजिकल टेस्ट के लिए खेल मैदान, स्वच्छ वातावरण, स्वच्छ पेयजल के साधन विकसित किए जाने चाहिए। जिले में 241 ग्राम पंचायतों में बच्चों की सोच के आधार पर उनका विकास किया जाना चाहिए। एक आदर्श गांव बनाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।
वंचितों को आगे बढ़ाने के लिए करें प्रयास
इसके साथ ही जिला कलेक्टर ने कहा कि बाल सभाओं के माध्यम से वंचित, पिछड़े समुदाय को आगे बढ़ाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने चाहिए। कोई भी बच्चा गांव में शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए। ग्राम सभा में बच्चों की ओर से आए हुए सुझाव को रखा जाना चाहिए। बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए उन्हें बेसिक जानकारी भी दी जानी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान यूनिसेफ दिल्ली की यून वी ने कहा कि बाल संवाद के तहत बच्चों ने अपने सपनों को चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया है। उन्होंने जो सपने देखे हैं उन पर चर्चा करने की आवश्यकता है। बाल संवाद कार्यक्रम में बच्चों के साथ ही उनके पेरेंट्स, टीचर,स्वंय सहायत समूह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहीं।