बूंदी। सरकारी कामकाज में तेजी लाने और अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए सरकार की मंशा के अनुरूप बूंदी जिला कलेक्ट्रेट में भी ई-फाइल सिस्टम शुरू हो गया है। जिससे अब फाइलें फिजिकल न जाकर ऑनलाइन पहुंच रही है। इससे फाइलों के आगे बढ़ने की गति तेज हो गई है। इससे कामकाज के निस्तारण में भी तेजी आएगी।
बूंदी जिला कलेक्ट्रेट में अब पेपरलेस कार्य शुरू हो गया है। यहां अब फाइलों का संचालन और मूवमेंट राज-काज के ई-फाइल सिस्टम के जरिए शुरू किया गया हैं। अब अधिकारी फाइल पर ऑनलाइन ही टिप्पणी और लौटाने का काम करते हैं।
फाइल नहीं मिलने का बहाना अब नहीं
फिजिकली फाइल मवूमेंट में कई बार कर्मचारी आलस कर जाते थे और फाइल को पटके रखते थे। पूछने पर फाइल नहीं मिलने का बहाना लगाते थे लेकिन अब फाइल नहीं मिलने का बहाना नहीं चल सकेगा। इससे काम में गति आएगी। इसके साथ ही फाइल कहीं रूकती है तो उसका ऑनलाइन ही स्टेटस जान सकेंगे कि यहां फाइल कितने दिन से रूकी हुई है। इससे संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय हो जाएगी।
जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने बताया कि राजस्थान के अन्य जिलों की भांति ही बूंदी जिला कलेक्ट्रेट में भी पेपरलेस वर्क शुरू किया गया है। इस सिस्टम के शुरू होने से न केवल कागज की बचत होगी, बल्कि समय भी बचेगा। यही नहीं कलेक्ट्रेट में फाइलें कहां है, कौन से सेक्शन में पड़ी है। कब से डिस्पोजल नहीं हुई ये सब समस्याएं आगे से नहीं होगी। हर फाइल का एक बार कोड और यूनिक आईडी नंबर जनरेट होगा। इस नंबर और बारकोड से ये पता चल जाएगा कि फाइल कब शुरू हुई और वर्तमान में किस सेक्शन में किस अधिकारी के पास है।