चित्तौड़गढ़। भूजल विभाग की ओर से अटल भूजल योजना के तहत गुरुवार को एक दिवसीय जिला स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन ऋतुराज वाटिका में किया गया। कार्यक्रम में अटल भूजल योजना के नोडल अधिकारी एवं वरिष्ठ भूजल वैज्ञानिक शुभेन्द्र पाल सिंह परमार ने योजना से जुड़ी जानकारी लोगों को बताई। उन्होंने लगातार गिर रहे भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि अब इस गिरते भूजल स्तर को रोकने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। उन्होंने गिरते हुए भूजल स्तर क्षेत्रों में कुशलतम जल प्रबंधन, जन सहभागिता से मजबूत जल प्रबंधन एवं समुदाय में जल के प्रति व्यवहार में परिवर्तन पर चर्चा की।
कार्यशाला में चित्तौडगढ़ पंचायत समिति के किसानो को सिंचाई के उन्नत तरीको जैसे ड्रिप इरिगेशन, पाइप लाईन, स्प्रिंकलर विधि आदि को अपनाकर जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही, जल संचय हेतु वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर जैसे फार्म पोंड, तालाब, ट्रेंच, तलाई, नाडी आदि के निर्माण के लिए प्रेरित किया गया। कार्यशाला में उद्यान विभाग, कृषि विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने किसानों को अपने विभाग में चल रही योजनाओं से अवगत कराया तथा उन्हें इनका लाभ लेने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा जिले के कई प्रगतिशील किसानों ने भी अपने अनुभव साझा किए।
किसानों को सिंचाई में भी कम पानी का उपयोग करना होगा। उन्हें धोरों की जगह स्प्रिंकलर से सिंचाई करने पर जोर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही व्यर्थ बहते पानी को सहेजने पर काम किया जाना चाहिए। जिससे आने वाला कल भी सुरक्षित रह सके। कार्यशाला में भू-जल विभाग के सहायक नोडल अधिकारी सुमन्त शर्मा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी भवानी सिंह राणावत सहित भूजल विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।