श्रीगंगानगर। जिले में तीन दवा विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। इन दुकानों पर कोई फार्मासिस्ट काम नहीं कर रहा था। जिसके कारण इनके लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। सहायक औषधि नियंत्रक अशोक कुमार मितल ने बताया कि विभिन्न तीन मेडिकल स्टोर पर रजिस्ट्रर्ड फार्मासिस्ट के काम छोड़ने के बाद नया फार्मासिस्ट नहीं लगाया गया था। जिसके कारण गोदारा मेडिकल स्टोर गांव 8 एसएचपीडी, पिण्डयार मेडिकल स्टोर 7 एसजीएम एवं यश मेडिकल स्टोर एल ब्लॉक श्रीगंगानगर का लाईसेंस निरस्त किया गया है।
अपमिश्रित व अवैध घोषित औषधियों के प्रकरण में इस्तगासा दायर
अपमिश्रित व अवैध घोषित औषधियों के प्रकरण में औषधि नियंत्रक विभाग द्वारा न्यायालय में इस्तगासा दायर किया गया है। सहायक औषधि नियंत्रक अशोक कुमार मितल ने बताया कि महालक्ष्मी मैडिकोज, प्रथम तल 62 सुखाड़िया शॉपिंग सेन्टर श्रीगंगानगर के फर्म मालिक मय योग्य व्यक्ति संजय स्वामी पुत्रा सत्यनारायण स्वामी निवासी श्रीगंगानगर से तथा अम्बे मैडिकोज, 47-48 शिव गणेश मार्किट नजदीक शिव चौक श्रीगंगानगर के मालिक मय योग्य व्यक्ति कंचन अग्रवाल पत्नी भारत भूषण, निवासी श्रीगंगानगर से तत्कालिक औषधि नियंत्रण अधिकारी पंकज जोशी ने औषधियों के लिये गये नमूनों के नकली, अपमिश्रित व अवैध घोषित होने तथा स्टॉक व रिकोर्ड जब्ती के उपरांत प्रकरण में जांच पूर्ण कर प्रकरण से जुडे़ सभी दोषी व्यक्ति/ फर्म श्री महालक्ष्मी मैडिकोज सुखाड़िया शॉपिंग सेन्टर श्रीगंगानगर, फर्म मालिक संजय स्वामी निवासी श्रीगंगानगर, अम्बे मेडिकोज 47-48 शिव गणेश मार्किट नजदीक शिव चौक श्रीगंगानगर के मालिक मय योग्य व्यक्ति कंचन अग्रवाल निवासी श्रीगंगानगर, प्रिन्स एजेन्सीज गोल बाजार श्रीगंगानगर फर्म भागीदार कमलकान्त कालडा निवासी श्रीगंगानगर, सुषमा कालडा निवासी श्रीगंगानगर योग्य व्यक्ति त्रिलोक चंद अरोड़ा उर्फ काली, निवासी श्रीगंगानगर अवैध फर्म (श्याम मेडिकल एजेन्सीज, अजीतगढ़, जिला सीकर), संचालक हरिकेश यादव, निवासी वीपीओ टीबा की ढाणी, तहसील श्री माधोपुर, जिला सीकर, फर्म ओम एजेंसीज जयपुर, फर्म भागीदार क्रिस्टीना दास निवासी जयपुर, प्रकाश यादव निवासी जयपुर व गोपाल मिश्रा निवासी जयपुर के विरूद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत माननीय न्यायालय सीजेएम श्रीगंगानगर में अमृत सोंग्रा, औषधि नियंत्राण अधिकारी श्रीगंगानगर ने इस्तगासा दायर किया।
मामले में कोर्ट ने प्रकरण को दर्ज कर प्रसंज्ञान लेकर अभियुक्तों को गिरफ्तारी वारंट से तलब करने के आदेश जारी किये हैं। नकली घोषित औषधियों के प्रकरणों में कम से कम सात वर्ष व अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा और कम से कम तीन लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।