रतनगढ़। गौरीसर गांव में सिगड़ी जलाकर सौ रहे मां-बेटी और सास की दम घुटने से मौत हो गई। यह सभी सर्दी से बचाव के लिए कमरे में सिगड़ी जलाकर सो रहे थे। इस धुंए से मासूम की हालत भी गंभीर बनी हुई है।
थानाधिकारी सुभाष बिजारणिया ने कहा कि गौरीसर गांव के रहने वाले अमरचंद प्रजापत की पत्नी सोना देवी, बहू गायत्री देवी पत्नी राजकुमार, पौती तेजस्विनी और पौता खुशीलाल एक कमरे में सो रहे थे। ठंड को देखते हुए रात को इन्होंने कमरे में सिगड़ी जला ली। रात को धुएं से दम घुट गया। सुबह 8 बजे भी जब कमरे की कुंदी नहीं खुली तो अमरचंद ने कमरे का गेट खटखटाया। आवाज नहीं आई तो उन्होंने खिड़की तोड़ दी। अंदर जाकर देखा तो पोता खुशीलाल रो रहा था।
वहीं पत्नी सोना देवी, बहू गायत्री और पोती तेजस्वनी मृत मिले। पौता को सबसे पहले बाहर निकाला गया। पड़ौस के लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। इस हादसे के बाद गांव में कोहराम मच गया। बच्चे को अभी वेंटिलेटर पर रखा गया है। हादसे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। शुरूआत में सिगड़ी से ही मौत की बात सामने आ रही है। पुलिस अब अलग अलग एंगल से मामले की जांच कर रही है।
परिवार के लोगों ने बताया कि दादा अमरचंद और 6 साल का पोता कमल अलग कमरे में सो रहे थे, जबकि सास-बहू और पोता-पोती एक साथ अलग कमरे में थे। दादा के पास सोने से कमल की जान बच गई।