आंगनबाड़ी वर्कर्स न्यूनतम वेतनमान के निर्धारण के लिए सड़कों पर है। राजस्थान सरकार से मांग है कि इनका वेतन इतना हो कि जीवनयापन सरल हो। 23 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी वर्कर्स ने सरकार को अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश की। हुंकार रैली के जरिए आंगनबाड़ी कार्मिकों ने अपनी ताकत का अहसास भी सरकार को करवाया।
कुशल श्रमिकों जितना मिले मानदेय
कुशल श्रमिक मानते हुए आंगनवाड़ी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन का निर्धारण करने की मांग हुंकार रैली के दौरान सरकार से की गई। आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक मजदूर से भी कम सैलरी का भुगतान सरकार कर रही है। अन्य कई प्रदेशों में इनकी सैलरी यहां से 3 से 4 गुनी ज्यादा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें श्रमिक मानकर इनके वेतन का निर्धारण करने को कई बार कह चुका है तो राजस्थान सरकार को ऐसी क्या परेशानी है कि अभी तक इन्हें मानदेय कर्मी ही मान रहे हैं। सरकार को हम पुनः चेता देना चाहते हैं कि तत्काल आंगनबाड़ी बहनों का न्यूनतम वेतन रुपए 1800 रुपए करते हुए उन्हें वित्तीय राहत प्रदान करे।
हुंकार-रैली
भारतीय मजूदर संघ एवं अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ से संबंद्ध राजस्थान आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ की 15 हजार से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिका, आशा एवं ग्राम साथिनों ने ‘‘हुंकार-रैली’’ निकाली। हुंकार रैली शहीद स्मारक, गवर्नमेंट हॉस्टल से शुरू होकर, सीपीएमजी ऑफिस, चौमूं हाउस सर्किल होते हुए सिविल लाइन फाटक पहुंची। आंगनवाड़ी कर्मचारी महासंघ की अध्यक्ष इंदुबाला चौहान ने कहा कि वर्तमान राजस्थान सरकार ने अभी तक हमारी मांगों को दरकिनार किया है। अब समय है कि हम संगठित होकर इस राजस्थान सरकार को नारी शक्ति को बोध कराएं। उन्होंने कहा कि अभी तो यह लड़ाई का प्रथम चरण है यदि सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में हर घर की महिलाओं को हम लेकर जयपुर का कूच करेंगे।
यह रहा मांग पत्र
- सभी आंगनबाड़ी कर्मियों (आंगनबाड़ी, कार्यकर्ता सहायिका, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन ) को सरकारी कर्मचारी घोषित कर नियमित वेतनमान दिया जावे
- जब तक इन कर्मियों को नियमित नहीं किया जाता तब तक न्यूनतम वेतन रुपए 18000 प्रतिमाह किया जावे
- सभी आंगनबाड़ी कर्मियों ( आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन) को न्यूनतम पेंशन रुपये 5000 प्रतिमाह प्रदान करवाएं.
- आंगनबाड़ी कर्मियों से निर्धारित कार्यों के अतिरिक्त अन्य कोई कार्य ( गैर आईसीडीएस ) नहीं करवाया जाए
- मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र में परिवर्तित किया जाए
- महिला सुपरवाइजर के पद पर भर्ती 100% आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में से पदोन्नति द्वारा जावे एवं एनटीटी अध्यापिका के पद पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पदोन्नति
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद रिक्त होने पर इस पद पर भर्ती सहायिका की पदोन्नति द्वारा की जावे
- जो आंगनबाड़ी कर्मी ( आंगनबाड़ी, कार्यकर्ता सहायिका, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन ) सेवानिवृत्त (रिटायर) हुए हैं एवं जो रिटायर होने जा रहे हैं उनको रुपए 5 लाख ग्रेच्युटी राशि का भुगतान करवाने का श्रम करावे
- वर्तमान में पोषाहार की वितरण व्यवस्था सही प्रकार से नहीं चल पा रही है. इसे पूर्व की भांति स्वयं सहायता समूह की मातृशक्ति के माध्यम से करवाया जावे.
- कोरोना कॉल में आंगनबाड़ी कर्मियों ( आंगनबाड़ी, कार्यकर्ता सहायिका, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन ) ने अपनी जान हथेली पर रखकर ड्यूटी की है अतः इस 2 साल की अवधि के रुपए 24000 प्रदान करावे
- 11. आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है कृपया समय पर भुगतान करवाने का श्रम करावे
- पूर्व के 2019 से 2020 के स्वयं सहायता समूह को पोषाहार राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है कृपया भुगतान करवाने का श्रम करावे
- विभाग के आदेश के बावजूद फ्लेक्सी फंड की राशि जमा नहीं कराई गई है कृपया इसकी राशि जमा करवाने का श्रम करावे
- पोषण टेकर की राशि व सामुदायिक उत्सव की प्रोत्साहन राशि का भुगतान अविलंब करवाने का श्रम करावे
- पल्स पोलियो में ड्यूटी करने पर ₹100 प्रति दिन के बजाय ₹300 दिए जावे
- नसबंदी ऑपरेशन पर ₹1000 प्रोत्साहन राशि का भुगतान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को करवाया जाए
- वर्ष 2016 से आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्दी प्रदान नहीं की गई है. अतः प्रतिवर्ष दो साड़ी के ₹1000 भुगतान किए जावे
- बहुत से जिलों में 5 वर्ष से स्टेशनरी रजिस्टर नहीं दिए गए हैं. कृपया रजिस्टर प्रदान करवाने का श्रम करावे
- सभी कर्मियों के कल्याण कोष की राशि का अविलम्ब भुगतान किया जाए
- ग्राम साथिनों को जाजम बैठक का भुगतान किया जावे एवं किशोरी वाटिका मीटिंग की राशि का भुगतान किया जावे
- ग्राम साथिन बहनों को ही प्रचेता के पद पर नियुक्ति दी जाए
- ग्राम साथिन बहनों को पंचायत मुख्यालय पर बैठने की व्यवस्था दी जाए
- ग्राम साथिन जहां भी जाती हैं पंचायत मुख्यालय से दूसरे गांव में उसके आने जाने का किराया प्लस जाजम बैठक का भुगतान भी समय-समय पर दिया जाए जो कि आज दिन तक नहीं मिला