भीलवाड़ा। भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने एक ऐसा फरमान जारी किया है। जिसे सभी स्टूडेंट तुगलकी फरमान बता रहे हैं। आदेश की बात की जाए तो स्टूडेंट में मैस मैं खाना खाए या नहीं खाए ने 1100 चुकाने होंगे। पैसा जमा नहीं कराने वाले स्टूडेंट को परीक्षा से भी वंचित होना पड़ सकता है।
कॉलेज प्रबंधन के इस तरह के फरमान से स्टूडेंट्स में नाराजगी है। कई स्टूडेंट्स ने डर के मारे यह पैसे जमा करा दिए हैं। वही अभी भी कई स्टूडेंट्स इस फरमान का विरोध कर रहे हैं। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि जो बच्चे फीस जमा नहीं करवाएंगे l उन्हें एडमिट कार्ड भी नहीं दिया जाएगा। इसके खिलाफ अभी स्टूडेंट्स में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। यह वसूली मैस का किराया और बिजली बिल के नाम पर की जा रही है। इस वसूली को लेकर स्टूडेंट्स भी आश्चर्यचकित है।
कुछ स्टूडेंट्स ने मैनेजमेंट के आगे डर कर यह फीस जमा करा दी है। जबकि 300 से ज्यादा स्टूडेंट्स के विरोध में है । कॉलेज के प्राचार्य डॉ पवन कुमार ने स्टूडेंट्स मैस कमेटी को एक पत्र लिखा है। इसमें मेस का किराया और बिजली के नाम पर बकाया 514000 चुकाने के आदेश दिए हैं।
एडमिट कार्ड नहीं देने के दबाव के चलते करीब 200 स्टूडेंट्स ने कॉलेज फरमान के आगे फीस जमा करा दी है। वही अभी भी ज्यादातर स्टूडेंट्स इसके विरोध में है। स्टूडेंट्स का कहना है कि मेस में खाना खाया है और फीस दे दी है। कमेटी ने पैसा जमा नहीं कराया तो इसके लिए हम जिम्मेदार कैसे। यहीकमेटी और कॉलेज प्रबंधन के बीच का मामला है।