श्रीगंगानगर। राजूवास यूनिवर्सिटी बीकानेर के तहत पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ की ओर से पशुपालकों के लिए एक ऑनलाइन ट्रैनिंग आयोजित की गई। जिसमें पशुओं में टीकाकरण व कृमिनाशक दवा के महत्व की जानकारी दी गई। पशुपालकों को पशुओं के लगने वाले टीके के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें दुधारू और गौवंश को लगने वाले टीके के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पशु विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ राजकुमार बेरवाल ने पशुपालकों का ऑनलाइन माध्यम से स्वागत व्यक्त किया और बताया कि पशुपालकों के लिए आयोजित किए जाने वाले ऑनलाइन तथा ऑफलाइन कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इनसे सभी वर्ग के किसानों, महिलाओं, बच्चों तथा पशुपालकों का ज्ञान का स्तर सुधरता है और जानकारी प्राप्त करके एक लाभदायक पशुपालन व्यवसाय एवंम पशुपालन में आने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। डॉ. बेरवाल ने पशुपालकों को समय-समय पर लगाए जाने वाले टीके तथा उनकी बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और टीकाकरण के समय पशुपालकों को किस प्रकार से सावधानियां रखनी चाहिए।
केंद्र के डॉ. मनीष कुमार सेन ने पशुपालकों को बताया कि पशुओं में कृमिनाशक दवा बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी कमी से पशुओं में विभिन्न प्रकार की समस्याएं आती है जैसे पशु का कमजोर होना, यौवन अवस्था लेट से आना, बांझपन, बाल झड़ना, वजन नहीं बढ़ना, पशु के मुंह तथा गोबर में बदबू आना, पशु के खाया पीया नहीं पचना इत्यादि और पशुपालकों को पशुओं में होने वाली भयंकर बीमारियां जैसे खुरपका, मुंहपका, गलघोटू, लगड़ा बुखार इत्यादि से किस प्रकार बचाव करें।