सतत विकास लक्ष्य के लिए कार्य योजना बनाकर करें काम

बीकानेर। जिला कलक्टर ने कहा कि आम व्यक्ति के जीवन का स्तर बढ़ाने के लिए सतत विकास लक्षय हासिल करने के लिए विभिन्न विभाग कार्य योजना बनाकर कार्य करें। जिला स्तरीय एसडीजी क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग समिति की सोमवार को आयोजित बैठक में जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर 226 संकेतकों का निर्धारण किया गया है। विभिन्न विभागों को 75 संकेतक दिए गए हैं। इस आधार पर सभी विभाग कार्य योजना बनाते हुए अपने यहां हुए कार्यों की सूचना सांख्यिकी विभाग को समय पर उपलब्ध करवाएं।

जिला कलक्टर ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए वनारोपण, परिवार कल्याण, संस्थागत प्रसव, सड़क सुरक्षा, मातृ मृत्यु दर में सुधार, लिंगानुपात में सुधार, शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि जैसे विषयों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है । संबंधित विभाग सांख्यिकी जिसकी विभाग द्वारा प्रस्तुत किए गए मेटा-डाटा को गंभीरता से अध्ययन करते हुए आवश्यक सूचनाएं साझा करें। कोई पीछे नहीं छूटे इस थीम के आधार पर कार्य किया जाए । जिला कलक्टर ने कहा कि ये संकेतक विभागीय कार्यप्रणाली का आईना है, इनमें सुधार करने से ही ज़िले की रैंकिंग में सुधार हो सकेगा। बैठक में सांख्यिकी उपनिदेशक सुशील कुमार शर्मा ने सतत विकास लक्ष्यों की विस्तार से जानकारी दी।

पिछड़ा ब्लॉक के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दें

जिला कलक्टर ने पिछड़ा ब्लॉक के सर्वांगीण हेतु चलाए जा रहे जिला आशान्वित कार्यक्रम के तहत जिले के चयनित पिछड़ा ब्लॉक में हुए कार्यो की भी समीक्षा की। भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत ब्लाक के सर्वांगीण विकास हेतु राज्य सरकार तथा नीति आयोग द्वारा नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछड़ा ब्लॉक खाजूवाला व बीकानेर की मॉनिटरिंग राज्य सरकार के स्तर पर तथा कोलायत ब्लॉक की मॉनिटरिंग केंद्र सरकार के स्तर पर नीति आयोग द्वारा की जा रही है । इनकी मॉनीटरिंग के लिए 85 इंडिकेटर्स निर्धारित किए गए हैं। जिला कलेक्टर ने संबंधित विभाग को इन ब्लॉक पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

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